झज्जर के किसान परिवार से संबंध रखने वाले 14 साल के कार्तिक ने बड़ा दावा किया है। कार्तिक ने चैट जीपीटी जैसा देश का पहला भारतीय संस्करण तैयार किया है। जिसका नाम उसने रघुराई बोट रखा है। कार्तिक ने रघुराई बोट का चैट जीपीटी से भी एडवांस होने का दावा किया है। यह देश और विदेश की 67 भाषाओं में पूछे गए सवालों का जवाब देता है। चैट जीपीटी के फाउंडर सैम ऑल्टमैन ने चैलेंज किया था कि कोई भी चैट जीपीटी जैसा एआई नहीं तैयार कर सकता। इस चैलेंज को कार्तिक ने स्वीकार किया और महज एक महीने में ही कार्तिक ने इसे पूरा करके दिखाया है।
हरियाणा के झज्जर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित गांव झांसवा के रहने वाले 14 वर्षीय कार्तिक ने बड़ा कमाल करके दिखाया है। कार्तिक का दावा है कि उसने चैट जीपीटी जैसा देश का पहला एआई तैयार किया है। जो देश और विदेश की 67 भाषाओं में चैट करता है। लोगों के सवालों का सटीक जवाब देता है। इतना ही नहीं कार्तिक का कहना है कि रघुराई बोटचैट जीपीटी से भी एडवांस भारतीय संस्करण है। उसका कहना है कि चैट जीपीटी हमें सितंबर 2022 तक का डाटा उपलब्ध करवाता है। लेकिन रघुराई बोट में लेटेस्ट इनफॉरमेशन उपलब्ध है। कार्तिक ने अपने पिता के साथ बैठकर इस भारतीय एआई चैट बोट रघुराई को लांच किया है। अब इसे गूगल और याहू जैसे सभी सर्च इंजन्स पर सर्च किया जा सकता है। कार्तिक ने रघुराई बोट को देश के नाम समर्पित किया है। कार्तिक अब रघुराई बोर्ड को पेटेंट करवा रहा है।
कार्तिक महज 14 साल का है। वह झज्जर के ही लडायन गांव के मॉडल संस्कृति स्कूल में नौवीं कक्षा का छात्र है। इससे पहले भी कार्तिक कई कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। वह देश का यंगेस्ट एप डेवलपर है। कार्तिक ने इससे पहले देश का पहला बोलने वाला अखबार भी बनाया है। कार्तिक के पिता अजीत सिंह खेती किसानी करते हैं। कार्तिक का सपना है कि वह देश के लिए अत्याधुनिक एआई बेस्ड रोबोट तैयार करे। इसके लिए उसने अभी से मेहनत शुरू कर दी है।