सरकाघाट, 30 नवम्बर। सरकाघाट उपमंडल की तहसील बल्दबाड़ा की पंचायत नरौला के गांव खलीन की रहने वाली 55 बर्षीय अति देवी मुर्गी पालन से स्वावलंबी बन पाई हैं। अकेले अपने दम पर वह लगभग 40- 45 हजार मासिक आय आर्जित कर रही हैं।।महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिशाल अति ने स्वरोजगार का माध्यम बनाया मुर्गी पालन और उनका सहारा बनी प्रदेश सरकार की हिम कुक्कुट पालन योजना। अति देवी बताती हैं कि जब वह उत्सुकता से लोगों के पोल्ट्री फार्म देखती, जानकारी लेती तो उसके मन में भी पोल्ट्री को व्यवसाय बनाने का ख्याल आया। उन्होंने नजदीकी पशु औषधालय बारीं के फार्मासिस्ट से सम्पर्क किया तो उसने उसे बल्दबाड़ा में पशु चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्सक से मिलवाया।
जहां उसे हिम कुक्कट पालन योजना के बारे बताया तथा निर्धारित औपचारिकताओं को पूरा करवाने के बाद 3000 चूजे उसे स्वीकृत हो गए। नवम्बर 2022 में पहले बैच में 1000 चूजे मिलते ही काम शुरू कर दिया। अति बताती है कि शुरुआत में कुछ दिक्कतें आई पर पशुचिकित्सक बल्दबाड़ा व डिसपैंसरी बारीं के फार्मासिस्ट का पूर्ण सहयोग व मार्गदर्शन मिला। वह लगातार पोल्ट्री फार्म में आते थे। हालांकि, पहले बैच में मिले 1000 चूजों में 50 मर गए। दुसरे बैच में मिले 1000 चूजों में से लगभग 20 चूजे मरे। तीसरे बैच में सिर्फ एक चूजा मरा। कुल मिलाकर 3000 मिले ब्राईलर चूजों से वह लागभग छः लाख की आय अर्जित कर चुकी हैं। बताया कि शुरूआत में एक डर था कि मुर्गे तो पाल लिए पर इनकी सप्लाई कैसे करूंगी, कहां बेचूगीं। पर मुर्गे फार्म से ही हाथों हाथ ही बिकने शुरू हो गए।
अति ने बताया कि इस स्कीम के तहत 60 बोरी फीड 1000 मूर्गों के लिए मिलती है जिसकी मात्रा बढाने की आवश्यकता है। बताया कि उसे मुर्गी पालन के लिए 144000 रूपये मिला शैड बनाने के लिए। शैड पहले ही बना था तो ₹92000 विभाग के सरकारी खाते में भरा चुजे, बर्तन, फीड व अन्य सामग्री के लिए। दूसरी व तीसरी बार के बैच में 85- 85 हजार भरे। अति ने हिमाचल सरकार व पशुपालन विभाग का धन्यवाद किया। योजना से लाभान्वित होकर वह अपने पावों पर खड़ी हो पाई तथा भविष्य में और आगे बढना चाहती हैं। अति देवी ने बेरोजगार युवाओं से ईधर उधर भटकने के बजाय प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी।
पशु औषधालय बारीं में कार्यरत फार्मासिस्ट महेश शर्मा ने बताया कि अति देवी को हिम कुक्कुट पालन योजना के अंतर्गत विभाग के अधिकारियों ने चूजे और फीड, पानी के उपकरण आदि तीन बैचों में दिए तथा पोल्ट्री फार्म में अति देवी को फीडिंग का तरीका, दवाईयां व देखभाल व रखरखाव के बारे में बताया गया। अतिदेवी ने दवाईयों का बेहतर प्रबंधन किया व मेहनत और लग्न से सारी तकनीक और मैनेजमैंट अच्छे से सीख ली।
डॉ आशीष कुमार शर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सालय बल्दवाड़ा ने बताया कि पशु पालन विभाग की तरफ से पशुपालकों के हितार्थ अनेकों योजनाएं शुरू की गई हैं जिनमें “हिम कुक्कुट पालन योजना”, मेंढा पालन योजना, गाबिन पशुओं के लिए आहार योजना, कृषक बकरी पालन योजना आदि प्रमुख हैं। बताया कि बलद्वाड़ा में नरौला पंचायत की एक पशुपालक अति देवी हिम कुक्कुट पालन योजना का लाभ ले रहीं हैं। सब से पहले जब 1000 चुजे उन्हें दिए गए तो विभाग की ओर से प्रतिदिन उनके आहार की मात्रा, दवाईयाँ, इम्यूनिटी बुस्टर, मल्टीविटामिन व डिंक्किग आदि में इनकी मदद की जिससे चुजों का विकास अच्छे से हो सके।
विभाग की ओर से लगातार इनके फार्म में चिकित्सक जाते थे तथा चुजों की जाँच व हर सम्भव मदद करते थे। ताकि, लाभार्थी को किसी तरह का नुकसान न हो। यह ब्राईलर चुजे 45 दिन में तैयार हो जाते हैं और अच्छा लाभ भी मिलता। बताया कि योजना के अंतर्गत 3000 ब्राईलर चुजे, लाभार्थी को सरकार 60 प्रतिशत अनुदान पर मुहैया करवाती है। 3000 ब्वाईलर चुजे एक साथ पालना बहुत मुश्किल काम होता है। इसमें काफ़ी पूंजी निवेश चाहिए होता है तथा बहुत खर्च आता है। तो सरकार 60 प्रतिशत वित्तिय सहायता उपलब्ध करवाती है और 40 प्रतिशत लाभार्थी का अशं होता है। इस योजना के अंतर्गत कुल 3000 चुजे 60 प्रतिशत अनुदान पर तीन किस्तों में 1000-1000 कर चुजे दिए जाते हैं। इसमें सबसे पहले चुजों के लिए फीडर और ड्रिंक्कर मुहैया करवाए जाते हैं।
यह फीडर और ड्रिंक्कर भी 60 प्रतिशत अनुदान पर मुहैया करवाए जाते हैं। इसके बाद पोल्ट्री की फीड भी 60 प्रतिशत अनुदान पर सरकार की ओर से मुहैया करवाई जाती है। सरकार द्वारा इस योजना के तहत शुरूवात में 1,44,000 रूपये की वित्तिय सहायता पोल्ट्री शैड बनाने को दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए पशु पालन विभाग कार्यालय, नजदीकी पशु चिकित्सालय अथवा नजदीकी लोक मित्र केन्द्र में ऑनलाईन आवेदन किया जा सकता है। बड़ा पोल्ट्री फार्म खोलना चाहते हैं तो सरकार ने इसी योजना कि तरह एक और योजना भी चलाई है जिसमें 5000 चुजे 1000-1000 की पांच किस्तों में मुहैया करवाए जाते हैं। इस योजना में भी चुजों, फीडर, ड्रिंक्कर व फीड के लिए 60 प्रतिशत अनुदान मिलता है साथ ही 1,44,000 रूपये पोल्ट्री शैड बनाने को मुहैया करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार पशुपालकों के लिए लाभप्रद योजनाएं ले कर आई है जिनके कार्यान्वयन में विभाग की ओर से पूरा सहयोग किया जाता है।