हाल ही में पता चला है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) की चपेट में आ गए हैं। बुधवार को उन्हें मोहाली के एक अस्पताल में भर्ती करावाया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा है। उनकी स्थिति स्टेबल है और उनकी सेहत में सुधार भी हो रहा है।
लेकिन आपको बता दें कि लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) एक गंभीर इन्फेक्शन होता है, जिसका वक्त पर इलाज न होने पर जान पर भी बन सकती है। इस आर्टिकल में इस बीमारी के बारे में सबकुछ जानने की कोशिश करेंगे। ये संक्रमण होता कैसे है, इसके क्या लक्षण (Leptospirosis Symptoms) होते हैं और इसकी वजह से क्या परेशानियां हो सकती हैं। आइए जानें।
लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) एक माइक्रोबियल इन्फेक्शन है, जो लेप्टोस्पायरा नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है। ये बैक्टीरिया मूत्र के माध्यम से जानवरों से मनुष्यों में फैलते हैं। जब व्यक्ति संक्रमित जानवर के यूरिन के संपर्क में आता है, तो ये बैक्टीरिया उसके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। ये किसी चोट के जरिए या दूषित पानी के जरिए इंसानों के शरीर में प्रवेश करते हैं।
लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) के लक्षण अक्सर सामान्य फ्लू के जैसे होते हैं, जिससे इसका पता लगाने में देरी हो सकती है। इसके लक्षण ऐसे हो सकते हैं-
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- मतली और उल्टी
- दस्त
- पीलिया (आंखों और त्वचा का पीला होना)
- खांसी
- ब्लीडिंग
लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण तब होता है जब व्यक्ति इन तरीकों से संक्रमित जानवर के यूरिन के संपर्क में आता है-
संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से ये इन्फेक्शन होता है। इन जानवरों में रॉडेंट्स इसके प्रमुख कैरियर हैं। इनमें भी चूहों के जरिए इस इन्फेक्शन के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। कैटल्स और सुअरों की किडनी में भी ये बैक्टीरिया पाया जाता है। इन संक्रमित जानवरों के मूत्र से दूषित पानी में तैरना या खेलना। संक्रमित जानवर के मूत्र से दूषित मिट्टी में काम करना। इन्फेक्टेड जानवरों को संभालना, उनके मल-मूत्र को साफ करना आदि।
लेप्टोस्पायरोसिस से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- संक्रमित जानवरों से संपर्क से बचें।
- दूषित पानी में तैरने या खेलने से बचें।
- संक्रमित क्षेत्रों में काम करते समय दस्ताने और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
- संक्रमित क्षेत्रों में काम करने के बाद साबुन और पानी से अच्छी तरह से हाथ धोएं।
लेप्टोस्पायरोसिस का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है, क्योंकि ये बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। समय पर इसका इलाज मिलने से इससे होने वाली कॉम्प्लिकेशन्स से बचा जा सकता है।