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राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में देर रात तक अकेली रही छात्राओं का मामला

सरकाघाट। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता समापन होने के बाद ठियोग वापस जा रही छात्राओं के बीती रात सर का घाट बस अड्डे में भारी ठंड से ठिठुरने और 8 घंटे तक बस का इंतजार करने करने के बाद मीडिया में हीरो बनी सरकाघाट की एसडीएम की कार्य प्रणाली को लेकर लोगों में भारी रोग पैदा हो गया है लोगों को साफ कहना है कि इन बच्चियों की मदद एसडीएम ने नहीं बल्कि समाज सेवी लोगों ने की थी जबकि प्रशासन मौके पर मौजूद नहीं था और एक ठेकेदार कपिल ठाकुर और रेस्टोरेंट रेस्टों कैंटीन के मालिक ने इन 52 बच्चियों को न सिर्फ खाना खिलाया था। बल्कि, उनके लिए ठियोग वापसी के लिए प्राइवेट बस भी मुहैया करवाई थी परंतु डीसी मंडी को सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मामले के बाद एसडीएम सरकाघाट को आए फोन के कारण ही एसडीएम साढे 10 बजे बस अड्डे पहुंची थी तब तक बच्चियों खाना खाकर प्राइवेट बस में सवार हो चुकी थी स्थानीय लोगों अश्विनी रवि शर्मा पंकज ललित रवि वर्मा आदि ने कहा कि इस मामले में लापरवाह अधिकारियों और उन टीचरों पर सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें ताकि भविष्य में दोबारा ऐसी गलती ना होने पाए किसी ने भी नहीं उठाए फोन।

मौके पर पहुंची मीडिया टीम ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर युवा सेवा खेल विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह से लेकर कई अधिकारी को फोन किए थे। परंतु किसी ने भी फोन उठाना जरूरी नहीं समझा यहां तक डायरेक्टर हायर एजुकेशन अमरजीत शर्मा को भी कई बार फोन किए गए, परंतु किसी ने भी फोन उठाना जरूरी नहीं समझा।

विधायक ने लगाई कड़ी फटकार

सरकाघाट के विधायक दलीप ठाकुर ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि खेलकूद प्रतियोगिता के समापन के बाद घर जाने के लिए शिमला की छात्राएं रात को बस स्टैंड सरकाघाट में बिना इंचार्ज के ठंड के मौसम में बस का इंतजार करती रही प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन की बात तो करती है लेकिन इस राज्य स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिता में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी। छात्राओं की बेबसी को लेकर के सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में सरकार के खोखले दावों की पोल खुलती दिखी है। छात्राओं के लिए खाने-पीने की कोई व्यवस्था बस स्टैंड पर नहीं की गई थी। उन्होने कहा की कांग्रेस की यह सरकार हर मोर्चे पर फेल है। सरकाघाट में खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ और समापन पर ऐसे लोगों को बुलाया जाता है जो चुने हुए प्रतिनिधि नहीं है ये लोग शिक्षण संस्थान में राजनीतिक भाषण देते हैं। क्या छात्राओं को सुरक्षित घर तक पहुंचना इनकी जिम्मेदारी नहीं थी।

डीसी के फोन के बाद पहुंची थी बस अड्डे- एसडीएम

एसडीएम स्वामी डोगरा ने कहा कि बच्चियों की इस हालत को लेकर डीसी मंडी अरिंदम चौधरी का रात 10:30 बजे उन्हें फोन आया था वह तुरंत बस अड्डे पहुंच गई थी छात्राएं एक रेस्टोरेंट में खाना खा रही थी जिसका प्रबंध समाजसेवी लोगों ने किया था छात्रों के लिए प्राइवेट बस भी माहिया करवा दी थी परंतु रात को कोई अनहोनी ना हो इसे लेकर उन्होंने पुलिस के साथ छात्राओं को स्कूल में ठहराया और सुबह बस के माध्यम से भेज दिया है इसमें जिसकी भी लापरवाही रही है उसे लेकर शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा।

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