चंडीगढ़, 22 अक्टूबर। परंपरागत फसलों की खेती करने की बजाए आज किसानों को आधुनिक फसलों की खेती करने की आवश्यकता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि तो होगी ही इसके साथ ही पर्यावरण का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा। फसल विविधीकरण ही किसान का भविष्य है। इसी दिशा में प्रदेश सरकार ने एक नई पहल करते हुए अपनी तरह की अनूठी मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की , जिसके तहत फसल विविधीकरण करते हुए जल संरक्षण सुनिश्चित करना मुख्य उद्देश्य है। यह योजना आज बेहद कारगर सिद्ध हो रही है और इसकी सफलता को देखते हुए वर्ष 2023-24 में 42480 करोड़ लीटर पानी की बचत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि खरीफ-2020 से आरंभ हुई मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत सरकार द्वारा धान की फसल को वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का, कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां व फल द्वारा विविधिकरण करने के लिए किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। खरीफ वर्ष 2020 में 41,947 किसानों ने कुल 63,743 एकड़ क्षेत्र में फसल विविधिकरण को अपनाया गया तथा इसके लिए 45 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया। इससे लगभग कुल 22565 करोड़ लीटर पानी की बचत की गई। इसी प्रकार, खरीफ 2023 में पूर्व वर्ष की वैकल्पिक फसलों को इस वर्ष में भी शामिल किया गया है तथा इस योजना में कुल 1.20 लाख एकड़ का फसल विविधिकरण के तहत लक्ष्य रखा गया है, जिस पर लगभग 84 करोड़ रुपये के अनुदान राशि खर्च होने की सम्भावना है। इस योजना में लगभग कुल 42480 करोड़ लीटर पानी की बचत का लक्ष्य है। 31 जुलाई, 2023 तक कुल 32150 किसानों ने अपनी 70170 एकड़ फसल का इस योजना के तहत पंजीकरण करवाया है।