अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर शक्ति वाहिनी संस्था के सौजन्य से हरियाणा के फरीदाबाद जिला पुलिस आयुक्त सेंट्रल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ फरीदाबाद को बाल विवाह मुक्त जिला एवं बाल अधिकार अनुकूल जिला बनाने का संकल्प लिया गया। जिसमें शामिल स्कूली छात्राओं ने पुलिस अधिकारियों को शपथ के रूप में बैंड पहनाए। गौरतलब है कि बाल विवाह एक हानिकारक प्रथम है जो बच्चों से उनका बचपन और शिक्षा छीन लेती है। बाल विवाह के फल स्वरुप बच्चियों कि जहां शिक्षा रुक जाती है, वही वह घरेलू हिंसा की जहां शिकार बनती हैं और कम उम्र में गर्भधारण की भी जटिलताओं से गुजरती है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के सफल 8 वर्ष पूरे होने पर बालिका दिवस पर जागृति वाहिनी संस्था द्वारा पुलिस के साथ मिलकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के सफल 8 वर्ष पूरे होने पर जशन के साथ बाल विवाह के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूली छात्राओं ने भी हिस्सा लिया और पुलिस कर्मचारियों को शपथ के रूप में बैंड भी पहनाए। एसीपी मोनिका ने बताया कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होने चाहिए। जिससे हमें भी हमारी कमियों के बारे में पता चले और लोग भी जागरूक हो की बेटियां बोझ नहीं है। जबकि आज भी बहुत से लोग बेटियों को बोझ समझते हैं। जिन्हें जागरूक करना जरूरी है कि आज के दौर में लड़का और लड़की में कोई फर्क नहीं है, बल्कि लड़कियां आज लड़कों से भी ज्यादा सक्षम है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के प्रति संस्था का प्रयास सराहनीय है और जागरूकता के माध्यम से ही लोगों को सजग किया जा सकता है।
शक्ति वाहिनी संस्था के पदाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2000 में हमने एचआईवी को लेकर काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन बाद में हमें महसूस हुआ कि महिलाओं और बच्चियों का मुद्दा बहुत ही गंभीर है। जिसे हमें समाज में लेकर जाना चाहिए उसके बाद हम निरंतर समाज में बाल विवाह की प्रथा को लेकर काम कर रहे हैं जिसके चलते हाल ही में हमने गुरुग्राम में दो बाल विवाह रुकवाए और बाकायदा एसडीएम के सामने परिजनों ने शपथ पत्र भी दिया की लड़कियों के बालिक होने के बाद ही वह उनकी शादी करेंगे। उन्होंने कहा कि जागरूकता के चलते ही बच्ची ने अपनी सहेली के माध्यम से हमसे संपर्क किया था। जिसके चलते हम इस मामले में उनकी मदद कर पाए। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था समाज में जागरूकता लाने के लिए लगातार वचनबद्ध है।