सरकाघाट। हिमाचल प्रदेश निर्माण कर्मी फैडरेशन सबंधित सीटू के राज्य महासचिव भूपेंद्र सिंह की अगुआई में आज एसडीएम सरकाघाट के माध्य्म से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को माँगपत्र भेजे। जिसमें उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर जो 17 दिन के बाद बाहर निकल गए मजदूरों के साथ एकजूटता प्रकट करती है। यह घटना अपने आप में ही गंभीर है जिस प्रकार उत्तराखंड में सिलक्यारा टनल में काम कर रहे मजदूर फस गए थे यह देश और प्रदेश के लिए भी चिंता का विषय है। क्योंकि निर्माण कार्यों के लिए देशभर के विभिन्न राज्यों में मजदूर मजदूरी करने के लिए जा रहे हैं परंतु जिस तरीके से माइग्रेंट लेबर एक्ट होना चाहिए। वह उस रूप में नहीं है।
निर्माण फेडरेशन मांग कर रही है कि इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का भी गठन किया जाए जो सभी पहलुओं की जांच करते हुए जो भी इसमें दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। जो भी मजदूर टनल में फंसे थे उनका शारीरिक और मानसिक जांच करके उन्हें मुफ्त में इलाज करवाया जाए और सरकार उनकी इलाज का खर्चा तब तक करे जब तक मजदूर पूर्ण रूप से ठीक ना हो जाए और सभी मजदूरों को उचित मुआवजा भी मुखिया करवाया जाए। आज जिस तरह देश में सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में सौंप जा रहा है वह भी चिंता का विषय है निर्माण फेडरेशन मानती है कि केंद्र और राज्य सरकार अपने विभागों के माध्यम से इन निर्माण कार्य को करवाई और मजदूरों को वे सारी सुविधाएं प्रदान की जाएं जो श्रम कानून के तहत मिलनी चाहिए। आज के ज्ञापन देने के दौरान उनके साथ सुरेश शर्मा, दिनेश काकू, राजीव कुमार, प्रेम सिंह और सतीश कौशल इत्यादि मौजूद रहे।