पंजाब के जालंधर जिले में पठानकोट रोड स्थित गांव काहनपुर में रह रहे दंपती ने अपनी तीन बेटियों की हत्या कर लापता होने की रचाई साज़िश। दंपती ने रविवार देर रात अपने पांच बच्चों में से तीन बेटियों को दूध में कीटनाशक दवाई पिला उनको ट्रंक में बंद कर दिया। जिस कारण बच्चियों ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। थाना मकसूदां की पुलिस ने सोमवार को मामले की जांच के दौरान मां-बाप को अपनी ही बेटियों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया हैं। गिरफ्तार होने से पहले आरोपी दंपती ने बेटियों के अगवा होने की अफवाह फैला कर पड़ोसी को फंसाने का प्रयास किया। आरोपी दंपती की पहचान बिहार के कटिहार जिले के गांव व थाना धूमर निवासी सुशील मंडल और मंजू देवी के रूप में हुई है। गिरफ्तार होने के बाद दंपती ने गरीबी की दुहाई देते हुए तीनों बेटियों की हत्या करने की बात कही।
एसएसपी मुखविंदर सिंह भुल्लर ने बताया कि डीएसपी बलबीर सिंह को रविवार की रात करीब सात बजे सूचना मिली थी कि गांव काहनपुर में तीन बच्चियां अपने घर से लापता हो गई हैं। जिसके बाद मामले की जांच के लिए पुलिस टीमें मौके पर पहुंचीं और तुरंत जांच शुरू कर दी। सुशील मंडल जिस मकान में रहता था, उसके मालिक सुरिंदर सिंह ने पुलिस को बताया कि शिकायत उसने दी है। बच्चियां शाम से लापता हैं और पिता को कोई चिंता नहीं है। पुलिस ने सुशील मंडल से बात की तो उसने बताया कि उसके पांच बच्चे हैं, जिनमें से एक साल का लड़का और दो साल, तीन साल, पांच साल व नौ साल की चार बेटियां हैं। उसकी तीनों बड़ी लड़कियां अचानक से कही लापता हो गई हैं।
पुलिस को बयान देते वक्त भी सुशील मंडल नशे में धुत था। पुलिस ने जांच शुरू की और CCTV कैमरे खंगालने शुरू किए। सुरिंदर सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने सुशील को मकान खाली करने को कहा है, क्योंकि वो अपने बच्चों का पालन-पोषण नहीं कर पाता तो किराया कहां से देगा। सुबह वो मकान खाली करने लगा तो पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के सामने ही सुशील ने बोला कि उसकी बेटियां अपने आप आ जाएंगी चिंता न करो। पुलिस को शक हुआ तो उन्होंने उसे पूछताछ की। बाद में सामान रेहड़े पर लादकर ले जा रहे सुशील से पुलिस ने पूछा कि ट्रंक में क्या है तो वह घबरा गया। जिसके बाद पुलिस द्वारा उसके ट्रंक की तलाशी की गई।
पुलिस ने ट्रंक खोला तो उसी ट्रंक के अंदर तीनो बच्चियों के शव थे और गीले थे। जिसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो सुशील मंडल ने बताया कि उससे और उसकी पत्नी मंजू देवी से बच्चों का पालन-पोषण नहीं हो रहा था, जिसके चलते उन्होंने ये खौफनाक कदम उठाते हुए अपनी तीन बड़ी बच्चियों को कीटनाशक दवाई मिलाकर दूध पिला दिया और फिर मरा हुआ समझ कर उनको ट्रंक में बंद कर दिया। मृतक बच्चियों की पहचान 9 वर्षीय अमृता कुमारी, 5 वर्षीय साक्षी और 3 वर्षीय कंचन के रूप में हुई है। उसके बाद के दो बच्चों की पहचान 2 वर्षीय अनुष्का और एक वर्षीय सन्नी के रूप में हुई है। फिलहाल अभी दोनों बच्चों को पुलिस द्वारा नारी निकेतन में भेज दिया गया है।
पिता सुशील मंडल इतना क्रूर हो गया था कि बेटियों को कीटनाशक पिला कर मरा समझकर ट्रंक में डाल दिया। पुलिस ने जब ट्रंक खोला तो बच्चियां पूरी तरह से गीली थीं, जिससे साफ पता चल रहा था कि कीटनाशक ने उनकी जान नहीं ली। उनको होश आया होगा, उल्टियां हुई होंगी, जिससे कपड़े और बाल गीले हो गए। रविवार रात को बच्चियों की हत्या के बाद सोमवार को मकान खाली करने के बहाने ट्रंक में बच्चियों के शव को लेकर दफनाने जा रहा था। इस पर लोगों ने पूछा कि मकान खाली कर रहे हो। बच्चियों का कुछ पता चला क्या? इस पर सुशील ने जवाब दिया कि कोई बात नहीं, जो ले गया होगा वो पाल भी लेगा। लड़कियां हैं, कोई तो रख ही लेगा। आरोपी द्वारा ये सभी बाते सुनकर काफी अजीब लग रहा था और लोगों को सुशील पर शक हुआ।
हालांकि, सुशील गिरफ्तारी से पहले वह बच्चियों के अपहरण का ड्रामा रचता रहा और पड़ोसी को फंसाने का प्रयास कर रहा था। जब पकड़ा गया तो वह कहने लगा कि कोई बच्चियों को मार कर ट्रंक में डाल कर चला गया। काहनपुर निवासी प्रांशु ने बताया कि वह हंगामे के दौरान घटनास्थल पर मौजूद था। उस समय बच्चियों का पिता उस पर झूठे आरोप लगाकर यह कह रहा था कि उसकी बेटियों को अगवा करने में उसका हाथ है। इसके बाद वह अपने घर के अंदर चला गया। इस दौरान सुशील उसे गालियां देने लगा। उसने विरोध किया तो नशे में धुत होकर उससे मारपीट भी की, लेकिन बच्चियों के गायब होने के चलते उसने तरस के आधार पर उसे कुछ नहीं कहा।
जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि बच्चियां जूठन उठा कर खाती थीं। दिहाड़ी लगा कर वो पांचों को पाल नहीं पा रहा था और बच्चों का दुख देखा नहीं जाता था। ऐसे में उसने अपनी पत्नी के साथ योजना बनाकर इस वारदात को अंजाम दिया। इस पर पुलिस ने पूछा कि खाने के लिए पैसे नहीं थे तो रोज शराब के लिए पैसे कहां से आते थे तो वह कुछ नहीं बोला।
पुलिस ने वारदात के बाद हिरासत में लिए दंपती से जब बातचीत की तो वह यह मानने को तैयार नहीं था कि उन्होंने वारदात को अंजाम दिया है। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो पता चला कि ट्रंक को सुशील ही घर के बाहर रख कर गया था और उस समय गली से कोई नहीं गुजरा था। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो दंपती ने हत्या की बात मान ली।
लोगों ने बताया कि पिता कई बार शराब के नशे में बच्चियों के साथ मारपीट करता था। कई बार उन्होंने बच्चियों को मारपीट के दौरान छुड़वाया भी था, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता था। लोगों का कहना था कि आरोपित उनको भी ऊंची-ऊंची आवाज में गालियां देता था। हालांकि, पुलिस द्वारा मामले में आरोपी मां-पिता दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं।