हिमाचल प्रदेश के मंडी में रविवार तड़के सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप सुबह के करीब 4:52 बजे आया था। इसका केंद्र जमीन के अंदर चार किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.8 मापी गई हैं। हालांकि, भूकंप की तीव्रता बहुत कम थी, जिस कारण किसी को भी कोई नुकसान नहीं पंहुचा।
आपको बता दें हिमाचल प्रदेश में भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है। कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं। कांगड़ा में 4 अप्रैल, 1905 की अल सुबह आए 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 20 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी। भूकंप से एक लाख के करीब इमारतें बर्बाद हो गई थीं, जबकि 53 हजार से अधिक मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए थे।
जाने आखिर कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने के कारण वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं। हालांकि, मंडी में आए इस भूकंप की तीव्रता ज्यादा नहीं थी जिस कारण जिले में किसी को भी किसी तरह का नुक्सान नहीं हुआ और सब कुछ ठीक रहा।