शिमला के लिए 6,000 और टांडा के लिए 3,500 रुपये लग रह
मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पास मरीजों को रेफर करने के लिए महज एक 108 एंबुलेंस
अन्य दो सरकारी एंबुलेंस में भी भेजे जाते हैं मरीज लेकिन कई बार नहीं हो पातीं उपलब्ध
कॉलेज प्रशासन ने किराया निर्धारित करने के लिए डेढ़ वर्ष पूर्व प्रशासन को भी भेजा है प्रस्ताव
संवाद न्यूज एजेंसी
हमीरपुर। जिले में आज तक निजी एंबुलेंस का किराया तय नहीं हो पाया है। डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज से जो मरीज रेफर किए जाते हैं उन्हें अक्सर निजी एंबुलेंस से बाहर जाना पड़ता है। अस्पताल के लिए एक ही 108 एंबुलेंस की सुविधा है। ऐसे में जब कभी यह एंबुलेंस चली जाती है तो मरीजों को निजी एंबुलेंस ही करनी पड़ती है। निजी एंबुलेंस वाले चंडीगढ़ जाने के लिए 6,000 रुपये ले लेते हैं और शिमला जाने के लिए 4,500 और टांडा जाने के लिए 3,500 रुपये ले लेते हैं। इससे मरीजों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती है। अस्पताल में दो सरकारी एंबुलेंस हैं। इनमें से एक एंबुलेंस कई बार अस्पताल के अन्य कार्यों के लिए जाती है और दूसरी अन्य मरीजों को लेकर चली गई होती है।
अस्पताल में हर माह लगभग 30 से 40 मरीज टांडा, शिमला और पीजीआई के लिए रेफर किए जाते हैं। ऐसे में कई मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिल पाती। इन्हें निजी एंबुलेंस करनी पड़ती है। अस्पताल प्रशासन ने निजी एंबुलेंस का किराया तय करने के लिए एक प्रस्ताव डेढ़ वर्ष पूर्व उपायुक्त को भेजा था। इसमें सुझाव दिया गया था कि इसके लिए एक एप बनाई जाए ताकि किराया तय हो सके और मरीजों को लाभ मिल सके। लेकिन, योजना सिरे नहीं चढ़ी। तीमारदारों सुरेश, जगदीश, अमृतलाल, विरेंद्र, रीना, कमलेश आदि ने कहा कि निजी एंबुलेंस के किराये भी तय कर देने चाहिए और इसकी बुकिंग के लिए ऑनलाइन पोर्टल होना चाहिए और किराया भी निर्धारित हो। इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी। इस बारे में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रमेश भारती ने कहा कि अस्पताल में सरकारी एंबुलेंस हैं। निजी एंबुलेंस के किराये की बात है तो इसमें वह कुछ नहीं कह सकते हैं।