चंडीगढ़: पंजाब के किसानों को धान की पराली और फ़सली अवशेष को खेतों में न जलाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य के साथ, ऐसे किसानों का पंजाब विधान सभा में सम्मान किया जायेगा, जिन्होंने बड़े लोक हितों और वातावरण के उचित संरक्षण के मद्देनज़र इस बुरी प्रथा से किनारा किया है।
यह जानकारी देते हुये पंजाब विधान सभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने बताया कि राज्य सरकार ऐसे बुद्धिमान किसानों की तरह से पराली को आग लगाने से पैदा होने वाले हवा और अन्य प्रदूषण को रोकने के लिए डाले इस कीमती योगदान के लिए भरपूर सराहना करती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने सभी जिलों में इन किसानों का सम्मान करने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को ऐसे किसानों की सूची तैयार करने के लिए कहा जिससे उनका विशेष मान-सम्मान किया जा सके।
स. संधवां ने कहा कि पराली को आग न लगाने वाले किसानों को सम्मानित करने के लिए कृषि और अन्य सम्बन्धित विभागों के सहयोग से राज्य भर में विशेष प्रोग्राम करवाए जाएंगे और इसके साथ-साथ विधान सभा में भी उनका सम्मान किया जायेगा। स्पीकर ने बताया कि पिछले साल भी पंजाब विधान सभा में बड़ी संख्या में किसानों का सम्मान किया गया था।
स्पीकर स. संधवां ने कहा कि जो किसान फ़सलों के अवशेष को आग नहीं लगाते, वह वातावरण को अलग- अलग तरह के प्रदूषण से, सेहत को ख़तरनाक बीमारियों से बचाने और धरती की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने में रचनात्मक योगदान डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सेहतमंद वातावरण को यकीनी बनाने के मद्देनज़र पराली को आग लगाने की इस विनाशकारी और वातावरण विरोधी रिवायत को त्यागने का समय आ गया है।
स. संधवां ने किसानों को न्योता दिया कि वे अपने गाँवों के कोने-कोने तक खेतों में आग न लगाने के संदेश दें जिससे दूसरों को भी उनकी इस वातावरण-अनुकूल अमल से सीख मिल सके, जो न सिर्फ़ वातावरण बल्कि ज़मीन की उपजाऊ शक्ति के साथ-साथ मानवीय सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक होगा।
स्पीकर ने राज्य के किसानों को क्षेत्रों में अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील भी की जिससे साफ़- सुथरा, हरा भरा और प्रदूषण रहित वातावरण यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने किसानों को आधुनिक तकनीक वाली मशीनों की मदद के साथ गेहूँ की फ़सल की बुवाई करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कृषि अधिकारी पंजाब भर में इन मशीनों के बारे किसानों को अवगत करवा रहे हैं और उनकी मदद कर रहे हैं।