श्री मुक्तसर साहिब बार एसोसिएशन के एक सदस्य वकील को पंजाब पुलिस की अमानवीय यातनाओं का शिकार होनें के विरुध पंजाब-हरियाणा बार काउंसिल ने अनिश्चितकाल के लिए काम से दूर रहने का फैसला किया है। जिस के बाद पंजाब सरकार देर रात हरकत में आई। इसके तुरंत बाद श्री मुक्तसर साहिब के SP(D) रमनदीप सिंह भुल्लर समेत CIA इंचार्ज और तींन कॉन्स्टेबल और एक होमगार्ड के खिलाफ बीती देर रात IPC 377 का केस दर्ज कर लिया गया।
वकीलों ने काम पर दोबारा लौटने से पहले कई मांगे रखी हैं।
- मामले की जांच पंजाब से बाहर हरियाणा या चंडीगड़ की किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए।
- वकील के खिलाफ दर्ज एफआईआर तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए।
- पीड़ित वकील को अमानवीय यातनाएं देने वाले जिन आरोपी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हुई है, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
- श्री मुक्तसर साहिब के SSP को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए।
कोर्ट के आदेश पर 3 दिन बाद केस हुआ दर्ज़
दरअसल, मुक्तसर में पुलिस द्वारा वकील पर मारपीट व अमानवीय व्यवहार के बाद कोर्ट ने पुलिस अफसरों-कर्मचारियों पर केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। लेकिन तीसरे दिन सोमवार देर शाम केस दर्ज हुआ।
बार एसोसिएशन के प्रधान ने बताई एडवोकेट की आपबीती
इससे पहले श्री मुक्तसर बार एसोसिएशन के प्रधान भूपिंदर सिंह बराड़ ने बताया कि बीती 14 सितंबर को एडवोकेट वरिंदर सिंह संधू के एक क्लाइंट ने उन्हें बताया कि पुलिस ने गांव में नशे के खिलाफ एक कमेटी बनाई है। उस कमेटी में शामिल लोगों के खिलाफ उनका केस चल रहा है। बताया कि वह उनकी और घर आने वालों की तलाशी लेते हैं और उन्हें झूठे केस में फंसाने का शक जताया।
एडवोकेट, SSP ऑफिस और पुलिस थाने साथ गए इससे पहले एडवोकेट वरिंदर सिंह संधू ने क्लाइंट को SSP को शिकायत देने की सलाह दी। क्लाइंट के कहने पर एडवोकेट संधू भी उसके साथ SSP ऑफिस गए, लेकिन वहां SSP से मुलाकात नहीं हो सकी। फिर क्लाइंट ने एडवोकेट वरिंदर से कहा कि अब उसे गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा। ऐसे में एडवोकेट ने क्लाइंट को थाना सदर में शिकायत देने को कहा और उसके साथ थाना सदर चले गए। वहां शिकायत के बाद थाना एसएचओ ने उन्हें गांव में आकर ग्रामीणों की संयुक्त कमेटी बना देने का भरोसा दिलाया।
थाने से बाहर निकलने पर एडवोकेट से मारपीट
आरोप हैं कि पुलिस थाने से बाहर निकलते ही एडवोकेट संधू से CIA के पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट की गई। फिर उन्हें जबरन CIA दफ्तर ले जाकर उनसे अमानवीय व्यवहार कर मारपीट की। फिर 16 सितंबर को एडवोकेट संधू को कोर्ट में पेश किया। आरोप हैं कि इससे पहले पुलिस ने एडवोकेट को यह कहकर डराया धमकाया कि यदि उन्होंने कोर्ट में मुंह खोला तो उनसे दोबारा अमानवीय व्यवहार किया जाएगा।
वकीलों द्वारा अदालत में अर्जी दायर कर पीड़ित वकील का मेडिकल दोबारा कराने की अपील की। अदालत ने अर्जी स्वीकार की और मेडिकल के दो दिन बाद रिपोर्ट आने पर उसमें 18 जगहों पर चोटों की पुष्टि के बाद वकील भाईचारे द्वारा कोर्ट में एक अन्य अर्जी दायर कर एडवोकेट वरिंदर सिंह के बयान दर्ज करने की अपील की गई। एडवोकेट वरिंदर सिंह के बयान दर्ज करने के बाद CJM कोर्ट ने पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर वकीलों ने आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पैंड करने और मामले की CBI जांच की मांग कर अदालती कामकाज बंद कर दिया। इस विवाद से सामाजिक चिंताऐं इस लिए बढ़ी हैं क्योंकि एस एस पी हरमनबीर गिल्ल के इन्ही आधिकारियों की टींम चिट्टे नशे के विरुध बड़ी कारवाईयां कर रही थी। इस के बाद पुलिस का नशा विरोधी अभियान कमजोर हुआ है।