केलांग। नौ साल के अंतराल के बाद लाहुल घाटी के आराध्यदेव राजा घेपन उदयपुर में माता मृकुला से मिले। देवी बोटी, अठारह नाग और माता हिडिंबा की मौजूदगी से उदयपुर में माहौल भक्तिमय हो गया। नौ साल बाद हुए इस भव्य देव मिलन के सैंकड़ों लोग गवाह बने। कोकसर से लेकर तिन्दी तक लोग देवताओं के इस महामिलन को देखने पहुंचे। कुल्लू मनाली से भी लाहुल के लोग इस देव मिलन के गवाह बने। लोग देव मिलन देख भावुक हो गए। नौ साल बाद यह भव्य देव मिलन हुआ। वीरवार शाम को देव कारज का निर्वहन करने के बाद राजा घेपन, देवी बोटी, अठारह नाग देवता सहित माता हिडिंबा ने उदयपुर गांव में ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया। राजा घेपन अन्य देवी-देवताओं के साथ दो दिनों तक गांव में रुकेंगे।
इससे पहले 20 नवंबर को लाहुल घाटी के जाहलमा स्थित बड़े कुंभ से अधिष्ठाता देवता राजा घेपन ने अपने गूर के माध्यम से माता मृकुला से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। गत शुक्रवार को जाहलमा कुंभ में राजा घेपन, देवी बोटी, अठारह नाग और माता हिडिंबा की मौजूदगी में शुद्धिकरण (आभाची) किया गया था। इस देव मिलन में भी सैंकड़ो लोग मौजूद रहे थे। लाहुल के ग्रामीण जगदीश, रणवीर, राजेश, अमर, दीपक व सुरेश ने बताया कि राजा घेपन व माता मृकुला के महा मिलन को देखने सैंकड़ों लोग पहुंचे। उन्होंने बताया कि देवी देवताओं की मौजूदगी में माहौल भक्तिमय हो गया है। उन्होने बताया कि देवी देवता उदयपुर से मडग्रां गांव जाएंगे। वहां से सभी देवता बापसी की राह पकड़ेंगे।