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Himachal: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा ने प्रदेश सरकार पर लगाए आरोप, कहा…..

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार नया कुछ करने के बजाए पिछली सरकार की जनहित की नीतियों को भी लागू नहीं कर रही है और प्रदेश की जनता को दिन प्रतिदिन परेशान करने का काम कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की सरकार ने और पिछली प्रदेश भाजपा की सरकार ने लोगों को स्वस्थ सुविधाएं प्रदान करते हुए आयुष्मान भारत और प्रदेश के अंदर हिम केयर जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की थी जिससे कि प्रदेश में आम आदमी को बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन जब से प्रदेश के अंदर कांग्रेस की सरकार बनी है तब से इस योजना में सरकार द्वारा बार-बार अड़ंगा अड़ाया जा रहा है।

इस समय प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों का 200 करोड रुपए से अधिक देनदारी सरकार की हिम केयर योजना के अंतर्गत देने को है और निजी अस्पताल इसी के चलते लोगों का इलाज करने से कतरा रहे हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं क्योंकि निजी हॉस्पिटलों का कहना है कि यदि सरकार योजना के अंतर्गत भुगतान नहीं करेगी तो वह इलाज भी किस तरह से कर सकेंगे और अस्पतालों को चलाएंगे भी किस तरह से ? सरकारी व निजी अस्पतालों का कहना है कि योजना के अंतर्गत इंपैनलड अस्पतालों को एक निश्चित समय अवधि के अंदर भुगतान सरकार द्वारा करना होता है और वह नहीं किया जा रहा जिससे कि उन्हें अस्पताल चलाने की भी और योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों के इलाज की दिक्कत आ रही है। इसी के चलते गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग अपना इलाज नहीं करवा पा रहे हैं और उन मरीजों के परिवार भयानक दिक्कतों से गुजर रहे हैं।

वर्तमान सरकार यह बहाना बना रही है कि हिम केयर योजना के अंतर्गत लगभग 35 करोड़ रूपया प्रति माह का क्लेम अस्पतालों द्वारा भेजा जा रहा है जो कि पहले से बहुत अधिक है और भारतीय जनता पार्टी का यह मानना है कि यह केवल एक बहाने बाजी है और मात्र लोगों को परेशान करना सरकार का एकमात्र एजेंडा है। हिम केयर योजना के अंतर्गत प्रदेश के अंदर लगभग 278 अस्पताल पंजीकृत हैं और इन्हीं में ही योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों को इलाज मिलता है। पिछली सरकार के समय से इस योजना के अंतर्गत 4.85 लाख मरीजों का इलाज हिम केयर योजना के अंतर्गत किया गया और इस पर सरकार ने 549. 70 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा लागू आयुष्मान भारत योजना में 1.47 लाख मरीजों का इलाज किया गया और इसके ऊपर 196  करोड रुपए खर्च किए गए थे।

व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर प्रदेश में बनी सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने प्रदेश के अंदर स्वास्थ्य के ढांचे को अस्त व्यस्त कर दिया है जबकि कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी प्रतिज्ञा पत्र में प्रदेश के भीतर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का वायदा  किया था और मोबाइल क्लीनिक तक शुरू करने की बात कही थी परंतु अब जब सरकार का गठन हो चुका है तो नई स्वास्थ्य योजनाएं शुरू करना तो दूर की बात है बल्कि  जो योजनाएं पूर्व सरकार ने जनता के स्वास्थ्य के लिए शुरू की थी उनको भी बंद करने के कगार पर पहुंचा दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह जनहित के लिए शुरू की गई स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा कर उन्हें गति देने का काम करें ताकि प्रदेश की गरीब जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।

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