सरकाघाट। धर्मपुर किसान उत्पादक सहकारी सभा-एफ़पीओ ने ग्रामीण आजीविका मिशन, कृषि विज्ञान केंद्र सुन्दरनगर और आत्मा परियोजना निदेशक मंडी के सहयोग से सजाओपीपलु के अंबेडकर भवन में मोटे अनाज से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाने बारे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें इस कार्य में रुचि रखने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों और किसान समूहों के सत्तर प्रतिभागियों को ट्रेंनिग दी गई। जिसमें मोटे अनाज के लिए पद्मश्री पुरूस्कार प्राप्त करने वाले नेक राम शर्मा ने विशेष तौर पर भाग लिया। उनके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र सुन्दरनगर के डॉक्टर कविता आत्मा परियोजना के परियोजना निदेशक राकेश कुमार खण्ड विकास अधिकारी धर्मपुर में आजीविका मिशन की सयोंजीका कमलेश कुमारी व कृषि विभाग के एसएमएस रमेश चंद्र ने भी भाग लिया।
इस ट्रेंनिग के बारे में जानकारी देते हुए भूपेंद्र सिंह ने बताया कि यह वर्ष पूरी दुनिया मेँ मोटे अनाज के रूप में मनाया जा रहा है और यहां तक कि पिछले दिनों दिल्ली में हुए जी-20 सम्मेलन में भी सभी डेलीगेट्स को मोटे अनाज से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजन खिलाये गये ताकि इन अनाजों के महत्व को प्रचारित व प्रोत्साहित किया जा सके।उन्होंने बताया कि मंडी ज़िला के करसोग क्षेत्र से सबन्ध रखने वाले प्रगतिशील किसान नेकराम शर्मा को इसके लिए राष्ट्रपति से पदमश्री पुरुस्कार मिला है जो हमारे ज़िला के लिए गौरव की बात है। प्रशिक्षण के दौरान नेकराम ने बताया की मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है और इससे ब्लड प्रेशर और सुगर की बढ़ती बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
उन्होंने बताया कि कोदरे, शौक,कौणी इत्यादि मोटे अनाज की खेती करने में दूसरी फ़सलों के मुक़ाबले कम मेहनत करनी पड़ती है और ये अनाज लंबे अरसे तक सुरक्षित रहता है जिसे पुराने समय में अकाल का अनाज भी कहा जाता था लेकिन धीरे धीरे इसकी खेती कम हो गई लेक़िन अब कृषि वैज्ञानिकों ने इसके महत्व बारे दोबारा से किसानों को तथा आम लोगों को जागरूक करने को प्रथमिकता दी है जिसकारण इसके प्रति दोबारा रुचि बढ़ी है और इसका उपभोग भी बढ़ा है।नेकराम व डॉक्टर कविता ने बताया कि अब मोटे अनाज से कई तरह की खाद्य सामग्री बनाई जा रही है जिसमें रोजमर्रा की खाने पीने की चीज़ों से लेकर फ़ास्ट फूड की आईटमें भी बनाई जा रही है और जगह जगह इसके फूड पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। जिनमें कोदरे की चाय, जलेबी, हलवा, बिस्कीट,सभी प्रकार की मिठाईयां, पुलाव, सूप इत्यादि बनाये जा सकते हैं और इससे आमदनी भी बढ़ाई जा सकती है।
परियोजना निदेशक आत्मा ने बताया कि वे मोटे अनाज का छिलका उतारने की मशीनें भी समूहों को उपलब्ध करवा रहे हैं। वहीं एसएमएस कृषि विभाग रमेश चंद् ने बताया कि अगले सीज़न में मोटे अनाज के क्लस्टर तैयार करने के लिए सभी क्षेत्रों में कलस्टर चयनित करके इनकी खेती को बढ़ावा देने के लिए विभाग किसानों को मदद करेगा।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि एफ़पीओ धर्मपुर सभी समूहों को एक छतरी के नीचे सँगठित करके उन्हें पैदवार बढ़ाने से लेकर मार्केट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सहयोग करेगा।जिसमें मोरे अनाज, हल्दी पाउडर व मौसमी फलों के अचार के अलग अलग एफ़पीओ भी तैयार किए जाएंगे।