केलंग। इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ड्रोन की नियमित सेवा शुरू करने से पहले केलंग में ट्राय कर रहा है। ट्रायल सफल रहा तो ड्रोन की मदद से पहली बार सर्दियों में लाहुल घाटी के अस्पतालों में दवाइयां पहुंचाई जाएगी। यह ट्रायल 19 अक्टूबर तक चलेगा। देश मे पहली बार साढ़े दस हजार फुट की ऊंचाई पर ड्रोन से दवाइयां पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। आईसीएमआर (ICMR) की पहल से मरीजों को सर्दियों में बड़ी राहत मिलेगी। सर्दियों में हिमपात के बाद सड़कें अवरुद्ध हो जाने से जनजातीय इलाकों में गांव आपस मे कट जाते हैं। ऐसे हालात में यह ड्रोन मरीजों के लिए मददगार साबित होगा।
इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) देश मे पहली बार 10500 फुट की ऊंचाई पर लाहुल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ड्रोन की मदद से मेडिसन और जरूरी वैक्सीन पहुंचाने के लिए केलंग में ट्रायल कर रहा है। नियमित सेवा शुरू करने से पहले इसका ट्रायल चल रहा है। मंगलवार को ट्रायल का दूसरा दिन था। इस ड्रोन की जमीन से 400 फुट ऊंचाई तक उड़ने की क्षमता है। जबकि इसमे लगी बैटरी लगभग डेढ़ घण्टे का बैकअप देता है। लेकिन आईसीएमआर को 150 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरने की अनुमति है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक कुलदीप निगम ने बताया कि ट्रायल सफल होने के बाद घाटी में सर्दियों के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिसन और वैक्सीन पहुंचाने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी। लाहुल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि आईसीएमआर की इस ड्रोन सेवा से दूर दराज क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।