केलंग। लाहौल के लिंडूर गांव में पहाड़ी दरकने और दरार पड़ने से बने हालात का जीओलॉजिकल सर्वे करने जल्द आईआईटी मंडी की टीम लाहुल पहुंच रही है। इस मामले पर उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि लिंडूर गांव में भूस्खलन रोकने के लिए लाहुल स्पीति प्रशासन और आईआईटी मंडी के बीच समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर किए हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौधौगिकी संस्थान मंडी के निदेशक को पत्र लिख कर गांव के मौजूदा हालात से अवगत करवाया था। संस्थान की विशेषज्ञ टीम गांव पहुंच कर यहां की टोपोग्राफी, भूगोल और जीओलॉजिकल सर्वे कर भूस्खलन और दरारें पड़ने के कारणों का पता करेगी। गौरतलब हैं कि लिंडूर गांव में लगातार भूस्खलन होने के कारण गांव में दरार आ गई है। गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। गर्मीयों के दौरान जाहलमा नाले में लगातार आई बाढ़ से गांव में दरारें आ गई है।
हालांकि, बरसात तो आकर चली गई है लेकिन लिंडूर गांव को खतरे में डाल गई है। गांव के ग्रामीण डर के साए में जीने को मजबूर हैं। नौ घरों में आई है दरारें जबकि तीन घरो को तो खाली करवाना पड़ा है। गांव में करीब 16 घर हैं और इसकी आवादी करीब 250 है। ग्रामीण लाल चन्द, प्रेम लाल व सोमदेव ने बताया कि भूमि कटाव होने के बाद गांव में दरारें आ गई है। लिंडूर गांव के ऊपर बने तीन सिचाई कुहलों से भी लगातार पानी जमीन में रिस रहा है। उन्होंने बताया कि इस समस्या का जल्द से जल्द समधान किया जाए ताकि ग्रामीणों को राहत मिले।