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हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्सहन परियोजना खण्ड परियोजना प्रबंधक सरकाघाट द्वारा आयोजित की गई

सरकाघाट। जायका परियोजना के खण्ड परियोजना प्रबंधक जय सिंह और कृषि प्रसार अधिकारी निशांत पराशर ने वीरवार को यहां बताया कि जोगिंद्रनगर उपमंडल के दोहग में वीरवार को बेसिक इंजीनियरिंग स्किल्स के कैंप का आयोजन किया गया। उन्होंने भूमि को समतल करना तथा खेतो में नाली बनाने और उसके लाभों के बारे में जानकारी दी साथ ही किसानों को विभिन्न इरिगेशन सिस्टम के बारे में बताया गया। उन्हें स्प्रिंकलर तथा ड्रिप इरिगेशन के बारे में भी जानकारी दी गई।

अधिकारियों के द्वारा खेतों की सिंचाई प्रणालियों में चैनल नहीं होने के नुकसान के बारे में और उसकी वजह से पानी बांधो के दरारों के माध्यम से खेत से दूसरे खेत में बहता है जिससे खेतों में लगातार पानी बहने से पानी मूल्यवान पोषक तत्त्व को खत्म कर देता है इसलिए खेतों में सही तरीके से ड्रेनेज सिस्टम होना चाहिए। उन्होंने बताया कि समय पर पोषण और पानी फसलों को उपलब्ध करवाने से  उच्च गुणवत्ता वाली फसलें उगा सकते हैं।

फसल चक्र, खेती, मृदा और जल संरक्षण के तरीकों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि  इसमें मल्चिंग, फसल चक्रण, कंटूर कल्टीवेशन, बांधो को स्थिर करने के लिए घास लगाना, मेड़बंदी, गली या नाला नियंत्रण करना है। जूनियर इंजीनियर निर्मल ठाकुर तथा आकाश पुरी सुपरवाइजर ने विभिन्न च्रक सिस्टम के बारे में किसानो को जानकारी दी। साथ ही उन्होंने परियोजना के अंतर्गत आने वाली कुल्ह के निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया।परियोजना के खण्ड परियोजना प्रबंधक जय सिंह जी ने बताया की इस कुहल के तहत 12.73 हेक्टेयर रकबा सिंचित होगा जिस पर 36 लाख 10 हजार रुपए की लागत आयेगी।

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