विजयपुर में स्थित दिव्यांग बच्चों का शिक्षण संस्थान चेतना संस्था में दीपावली के आगमन पर दिव्यांग बच्चों ने अपने हाथों से दीये , मोमबत्ती, रुई बत्ती और मालाएं , अद्भुत गिफ्ट पैक ,मिठाई के डिब्बे, अद्भुत कला और शानदार कशीदाकारी के साथ दिवाली गिफ्ट बहुत ही सुंदर ढंग से डिजाइन करके उकेरा है। बच्चों द्वारा बनाए गए हस्त निर्मित सामान की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस दौरान स्पेशल ओलंपिक भारत की चेयरपर्सन एवं चेतना संस्थान की संस्थापिका डॉ मल्लिका नड्डा ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाई गई दिवाली से संबंधित विभिन्न आइटम की प्रस्तुति के लिए संस्थान की शिक्षिकाओं की सराहना की।
इस अवसर पर समाजसेवी व वरिष्ठ पत्रकार विशाल ठाकुर, पत्रकार रंजीत कुमार व आरके मिश्रा ने बच्चों को अपना मार्गदर्शन किया। इस दौरान डॉ मल्लिका नड्डा ने बताया कि दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाई गई मोमबत्ती से दीपावली में लोगों के घर रोशन होंगे। उन्होंने सभी से इन बच्चों को प्रोत्साहित करने की भी अपील की। बच्चों ने शिक्षण प्रबंधक के सहयोग से कई किस्म की रंग बिरंगी मोमबत्तियां बनाई हैं। इन मोमबत्तियों से का दर्प टूटेगा। यहां पढ़ने वाले बच्चे शिक्षा के साथ अपने हुनर से मोमबत्ती बनाकर लोगों के घरों में उजियारा फैला रहे हैं। विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे भले ही दिव्यांग हैं, लेकिन इनके हुनर का हर कोई कायल है। विद्यालय के सभी बच्चों ने मिलकर विभिन्न किस्मों की मोमबत्तियां बनाई हैं, जो इस बार दीपावली में लोगों के घरों में उजियारा फैलाएंगी। मोमबत्ती से होने वाली आय दिव्यांगों को त्योहार में उपहार देगी।
दिव्यांग बच्चे दिवाली के दो महीने पहले से ही करते हैं शुरुआत
भले ही बच्चे दिव्यांग है पर दिवाली के मौके पर यह बच्चे दूसरों की जिंदगी में खुशियां व रोशनी बनने के लिए दीपावली से एक दो महीने पहले मोमबत्ती और दिया बनाने में जुट जाते हैं। दिवाली में उनके हाथों से बने मोमबत्ती आम लोगों की जिंदगी के अंधेरे को दूर करने में काम करती है। इन बच्चों के हाथों से बने मोमबत्ती को खरीदने के लिए चंडीगढ़ और आसपास के लोग काफी संख्या में पहुंच रहे है। लोगों को कहना है कि उन्हें बहुत खुशी होती है कि वह इस स्कूल से मोमबत्ती और खरीद कर ले जाते हैं। क्योंकि यह बच्चे दिव्यांग है ,लेकिन फिर भी दूसरों की जिंदगी में रोशनी और प्यार का संदेश देने में पीछे नहीं रहते हैं।लोग कहते है कि इन मोबतियों को घर में जलाकर हमें अंदर से खुशी महसूस होती है। इस अवसर पर जन शिक्षण संस्थान के निर्देशक अरुण शर्मा ,चेतना संस्था के प्रशासक कश्मीर सिंह व शिक्षक भी उपस्थित रहे।