चंडीगढ़। 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान खादी ग्राम उद्योग को बढ़ावा देते हुए “लोकल फॉर वोकल” प्रोग्राम को मनाते हुए। चंडीगढ़ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष ने पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित खादी ग्रामोद्योग सेंटर सेक्टर 17 मे खादी खरीद, खड़ी पहन व चरखा कातकर खादी बुनकर दिया युवाओं को गांधी जी के दिखाए मार्ग पर चलने का सन्देश। सूद ने कहा कि महात्मा गांधी की विरासत को सदियों तक जिंदा रखने के लिए उनके आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है। आम भारतीय को क्या उन्हें याद करने की ज़रूरत है? ग्लोबलाइजेशन के दौर में, जब आज का युवा 6 दिन ऑनलाइन जॉब व वीकेंड में पार्टी में व्यस्त हैं; तब गांधी के बारे में बातें करना कितना प्रासंगिक रह गया है? कुछ ऐसी सोच से महात्मा गांधी को सिर्फ 2 अक्टूबर व 30 जनवरी को ही याद किया जाता है ।
हालांकि, गांधी जी का जीवन किसी नदी की भांति था जिसमें कई धाराएं मौजूद थीं. उनके अपने जीवन में शायद ही ऐसी कोई बात रही हो जिन पर उनका ध्यान नहीं गया हो या फिर उन्होंने उस पर अपने विचारों को प्रकट नहीं किया हो। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है, यह इस बात का संकेत है है के बापू की सोच आज भी प्रासंगिक है। महात्मा ने भारत वासियों को खादी के जरिए आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में मौजूद पार्षद उमेश घई, सचिव हुक्म चंद, ब्रजेश्वर जसवाल, रविंद्र टिम्मा, रुचि सेखरी और अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।