जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की कलम छोड़ो हड़ताल आठवें दिन भी जारी रही। बी.डी.ओं. कार्यालय के बाहर हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि भाजपा सरकार के समय कांगेस के सभी बड़े नेताओं और विधायकों ने उनकी हड़ताल का समर्थन किया था। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने स्वंय उस समय विधायक होने के नाते जिला परिषद कर्मचारियों की मांग को जायज बताकर कहा था कि कर्मचारियों को विभाग को विलय करने के लिए थोड़ी विसंगती है जिसे दूर कर इन कर्मचारियों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सभी सुविधाएं मिल जाएगी। उन्होंने वायदा किया था कि प्रदेश मेें कांग्रेस की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को उनका हक दिया जाएगा।
जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश, सीता राम ने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र मेें जिप कैडर को सरकार मेें विलय करने को लेकर वाया किया था। सरकार को बने हुए आठ माह का समय बीत चुका है। लेकिन उनकी मांग को अभी तक पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि 22 सालों से विभाग में काम कर रहे है और खुद को सरकारी कर्मचारी समझते थे लेकिन जब छठे पे कमीशन का ऐलान हुआ और फाइल वित्त विभाग के पास गई तो पता लगा कि इन्हें सरकारी कर्मचारी नही माना जाएगा। इसलिए नए वेतन का लाभ नही मिलेगा। जिला परिषद कैडर कर्मचारियों ने कहा कि विभाग में विलय करने की मांग को लेकर वह कलम छोड़ हड़ताल पर बैठें है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द से जल्द विभाग में नही जोड़ा गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
पंचायत प्रधान एसोसिएशन के अध्यक्ष पुनीत कौशल, पूर्व प्रधान गुरप्रताप सिंह, पूर्व प्रधान जोगिन्द्र पाल ने बताया कि ब्लॉक के तहत 77 पंचायतें आती है ऐसे में पंचायत सचिव व तकनीकि सहायक हड़ताल पर चल रहे है जिसके कारण पंचायत में चल रहे विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द वापिस काम पर नही लौटे तो विकास के काम ठप्प हो जाएगें। उन्होंने जिला परिषद कैडर कर्मचारी व अधिकारी महासंघ की मांगों का समर्थन करते हुए जल्द विभाग में विलय करने को कहा है, ताकि पंचायत के कार्यों को गति मिल सके।