मनाली। स्पीति घाटी में बीआरओ के खिलाफ लामबंद हुए मजदूरों को अब लाहुल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर का भी समर्थन मिल गया है। विधायक रवि ठाकुर ने इस संबंध में मीडिया को जारी अपने बयान में कहा है कि स्पीति घाटी में बड़ी-बड़ी कंपनिया बीआरओ के साथ मिल कर काम कर रही है, लेकिन स्थानीय मजदूरों को वेतन देने में असमर्थ दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि तिब्बत सीमा के साथ सटी स्पीति घाटी में जहां केंद्र सरकार को युद्ध स्तर पर विकासात्मक कार्य करवाने चाहिए, वहीं खुलकर बजट देना चाहिए लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि स्पीति घाटी में बीआरओ के पास मजदूरी का काम कर रहे मजदूर अब दो वक्त की रोजी रोटी के लिए भी तरस ने को मजबूर हैं। मस्ट्रोल जारी न होने से मजदूरों को अपने परिवार का पालन पोशन करना मुशकिल हो गया है, वहीं मजदूरों को अब सड़कों पर उतर कर अपने हक के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
विधायक रवि ठाकुर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस संबंध में मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए जहां हाल ही में महामहिम राज्यपाल से भी मुलाकात कर इस मामले को उठाया है, वहीं उन्होंने केंद्र सरकार के रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री को भी एक पत्र लिख इस मामले का समाधान करने व सीमावती क्षेत्र होने के नाते उचित बजट जारी करने का आग्रह भी किया है। विधायक रवि ठाकुर ने इसी के साथ करोड़ों रुपयों का काम कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनियों को भी सीएसआर के तहत राशि जारी करने का आग्रह भी किया है। विधायक रवि ठाकुर ने कहा है कि स्पीति घाटी में सीएसआर की राशि से जहां विकासात्मक कार्यों को अंजाम दिया जाना है लेकिन अभी तक उक्त कंपनियों ने ये राशि जारी नहीं की है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर ठाकुर से भी आग्रह किया है कि सीएसआर के तहत मिलने वाली राशि के लिए जल्द उचित कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि स्पीति इकलौता क्षेत्र है जहां अनपढ़ लोगों को भी नौकरी पर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार पक्के मजदूरों को मासिक वेतन 40 हजार रुपए दे रही है, लेकिन बीआरओ के अधिन काम कर रही कंपनियां मजदूरों का शोषण कर रही है और उन्हें 350 दिहाडी दे रही है।