चंडीगढ़ 21, अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस लाईन नूंह में पहुंचकर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद डीएसपी सुरेंद्र मांझू के बेटे डीएसपी (अंडर ट्रेनिंग) सिद्धार्थ व शहीद सिपाही सत्यवीर की धर्मपत्नी सुनीता देवी का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। हिसार के गांव सारंगपुर निवासी डीएसपी सुरेंद्र मांझू तावडू में अवैध खनन को रोकने के दौरान शहीद हो गए थे। वहीं सिपाही सत्यवीर अवैध खनन रोकने के प्रयास में एक नाके पर शहीद हो गए थे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने पिछले एक साल के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में अपने कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए 189 सैनिकों के नाम पढ़े।
शहीद स्मारक पर देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों को नमन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जवानों के त्याग, समर्पण और बहादुरी की कहानी को आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल के तौर पर रखना समाज की जिम्मेदारी है। पुलिस की ड्यूटी चुनौतीपूर्ण व जोखिम भरी होती है। उन्होंने कहा कि अपनी कर्तव्य निष्ठा व जरूरत पड़ने पर हमेशा बलिदान देने को तत्पर रहने वाली हरियाणा पुलिस फोर्स पर हमें गर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा पुलिस देश के अग्रणी पुलिस बल में से एक है। राज्य में पुलिस कर्मियों व उनके परिवार के कल्याण के लिए सरकार ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं ताकि सभी सुरक्षाकर्मी अपने परिवारों की चिंता छोड़ निश्चित होकर डयूटी करें।
उन्होंने कहा कि ड्यूटी करते हुए यदि कोई पुलिसकर्मी शहीद होता है तो उनके परिवारजनों को सरकार ने आर्थिक सहायता राशि के साथ-साथ एक्सग्रेशिया में नौकरी का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस परिवारों के बच्चों के लिए पुलिस लाईनों में पुलिस पब्लिक स्कूल, ई-लाइब्रेरी की व्यवस्था, 40 वर्ष से अधिक पुलिसकर्मी के लिए मेडिकल चेकअप की व्यवस्था की गई है। वहीं पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिस कर्मचारियों के लिए फ्लैट की व्यवस्था तथा सामुदायिक केंद्र व जिम की व्यवस्था की गई है। पुलिस कर्मियों के बच्चों के रोजगार की चिंता भी सरकार को है।
उन्होंने कहा कि अब मेरिट आधारित सरकारी नौकरी की व्यवस्था है, किसी की सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती। योग्यता ही हमारा पैमाना है। मुख्यमंत्री ने पुलिस कर्मियों से आह्वान किया कि वे अपने कार्य व व्यवहार में आमजन की मदद की भावना रखें। विशेषकर बच्चों व बुजुर्गों तथा महिलाओं के प्रति संवेदनशील रहें। साथ ही अपराधियों के प्रति सख्त रवैया रखें। यही सार्थक बदलाव हमारे शहीद पुलिस कर्मियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी। इस मौके पर सोहना के विधायक संजय सिंह, वक्फ बोर्ड के एडमिनिस्ट्रेटर जाकिर हुसैन, एडीजीपी सीआईडी आलोक मित्तल, आईजी राजेंद्र कुमार, उपयुक्त धीरेंद्र खड़गटा, पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया, जिला परिषद के अध्यक्ष जान मोहम्मद के अलावा सभी समाज के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।