सरकाघाट। खंड विकास अधिकारी अस्मिता ठाकुर सरकाघाट के तबादले को लेकर पंचायती राज संगठन सरकाघाट के जनप्रतिनिधियों ने न सिर्फ कड़ा रोष जाहिर किया है। बल्कि तबादला रद्द करने को लेकर एसडीएम सरकाघाट के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक सूत्रीय ज्ञापन भी भेजा है। गोपालपुर प्रधान एशोशिएशन के अध्यक्ष कमलेश नेगी की अगुवाई में एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि हम गोपालपुर विकासखंड (सरकाघाट) के समस्त प्रधान विनम्र आग्रह करते हैं कि आपके कार्यलय से विकास खण्ड अधिकारी सरकाघाट के तबादला आदेश पारित हुए हैं। वह बेहद ही गलत और राजनीतिक आधार पर हुए हैं। जबकि सरकाघाट विकास खण्ड अधिकारी का मात्र एक साल का कार्यकाल बेहद ही सराहनीय रहा है। विकास खण्ड गोपालपुर का न सिर्फ इनके नेतृत्व में अभूतपूर्व विकास हुआ है, बल्कि इन्होंने भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाया है। जिसके चलते गोपालपुर खण्ड के प्रधान व कर्मचारियों में इनके स्थानांतरण से भारी निराशा हुई है। जिसके कारण सभी सरकाघाट के प्रधान आपसे विनम्र आग्रह करते हैं कि खण्ड विकास अधिकारी गोपालपुर के स्थानांतरण आदेशों को निरस्त करें। ताकि इनके नेतृत्व में सम्पूर्ण विकास करवा सकें। प्रधान संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि समस्त प्रधान राजनीति से ऊपर उठकर तबादला आदेश रद्द करने पर उनके हमेशा आभारी रहेंगे।
इस अवसर पर पंचायती राज प्रधान संघ गोपालपुर इकाई के सचिव सुरेश कुमार, कानूनी सलाहकार नरेश शर्मा, सलाहकार योगराज शर्मा, सुरेश चन्द, कालीदास, रजनी देवी, सरिता देवी, कांता देवी, नीलम कुमारी, मीना देवी, विजय कुमारी, ज्ञान चन्द, दिनेश कुमार, दलीप राव, रूपलाल ज्ञानो देवी, सोमा देवी, नीलम, लाल सिंह, सुनीता देवी, तारा चंद रवि कुमार, रीता रावत, सरला देवी, सुनीता देवी, उमावंती, लता देवी, विधी चन्द सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कर्मचारियों की हड़ताल वापस ले सरकार
प्रधान संगठन ने यह भी मांग की है कि सरकार तुरंत जिला कैडर पंचायत अधिकारी व कर्मचारियों की हड़ताल को जनहित में वापस ले, क्योंकि आजकल आंगनवाड़ी पदों की भर्ती में पंचायत सचिवों की वजह से आम जनता को भारी परेशानी हो रही है। साथ ही विभिन्न पदों हेतु आवेदन मांगे जा रहे है। जिससे अभ्यार्थियों को पंचायत सचिवों की कलम छोड़ो हड़ताल के कारण भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। यही नहीं दस्तावेजो के अभाव में पात्र योग्य उम्मीदवार आवेदन तक नही कर पा रहे है। समस्त पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार से हड़ताल को तुरंत वापस लेने का मांग की है।