चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का सामना करने से बुरी तरह से घबराया रहा हैं शिरोमणि अकाली दल लोगों को गुमराह करने के लिए एक नवंबर को होने वाली ‘मैं पंजाब बोलदा हाँ’ बहस के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के घटिया हत्थकंडे अपना रहा है। रविवार को जारी किए गए एक बयान में मुख्यमंत्री दफ़्तर के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री एक नवंबर को राज्य से जुड़े हर एक मामले पर शिरोमणि अकाली दल की लीडरशिप का दोगला चेहरा बेनकाब करेंगे, जिस कारण अकाली लीडरशिप को इस बहस में अपनी हाजिऱी ज़रूर सुनिश्चित बनानी चाहिए।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि पहले दिन से ही मुख्यमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि यह बहस साल 1966 से लेकर राज्य से जुड़े सभी मसलों को आधार बनाकर की जाएगी, जिसमें पानी से जुड़े मसले, वित्त और नशों समेत हर मसला बहस का हिस्सा बनेगा। उन्होंने कहा कि इस बहस में शामिल होने की गवाही भरने की बजाए अकाली लीडरशिप इस बहस से भागने के लिए बेतुके बहाने बना रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार यह बात कह चुके हैं कि यह बहस पंजाब को अब तक किसने और कैसे लूटा, इस आधार पर केंद्रित होगी। इसमें भाई-भतीजावाद, जीजा-साला, पक्षपात, टोल प्लाज़े, यूथ, खेतीबाड़ी, व्यापार, दुकानदार, बेअदबी, नदियों का पानी और अन्य मसले सम्बन्धित हैं।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार दृढ़ वचनबद्ध है कि पंजाब के पानी की एक बूंद भी किसी अन्य के साथ साझा नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण करने की आज्ञा नहीं देगी और इस बारे में सुप्रीम कोर्ट समेत हरेक मंच पर साफ़ शब्दों में स्पष्ट किया गया है। वही, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कई बार अपना स्टैंड बिल्कुल साफ़ कर चुके हैं, परन्तु अकाली लीडरशिप अपने संकुचित राजनीतिक हितों के लिए हाथ-पैर मार रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि अकाली लीडरशिप ने इन सभी मसलों पर पंजाब की पीठ में छुरा मारा है, जिस कारण यह लोग राज्य के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने कहा कि अकाली लीडरशिप राज्य के साथ हुए धोखे के जिम्मेदार है और पंजाब के साथ गद्दारी करने वालों को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि एक नवंबर को होने वाली बहस इस बात का जांच कर देगी कि कुर्बानियों की आड़ में उनके साथ कैसे दिन-दहाड़े धोखा किया गया, जबकि अकाली नेता पंजाब के साथ द्रोह कमाकर अपने निजी हित पूरे करते रहे।