चंडीगढ़। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ उनके करीबी मित्र और कनाडा से आए प्रवासी भारतीय (एनआरआई) द्वारा लगाए गए नैतिक कदाचार और भ्रष्टाचार के आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री के एक पूर्व करीबी दोस्त-जगमनदीप सिंह ने उनकी कनाडा यात्रा का जिक्र किया कि वह जब पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब (पीपीपी) का हिस्सा थे, जिसके दौरान उन्होने दावा किया कि भगवंत मान ने शराब पीने के दौर, नैतिक कदाचार के कृत्यों में लिप्त थे तथा एनआरआई समुदाय से बेहिसाब धन एकत्र किया था’’।
सरदार मजीठिया ने कहा कि यह बेहद हैरानी वाली बात है कि न तो आम आदमी पार्टी और न ही मुख्यमंत्री ने अब तक आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया दी है। उन्होने कहा, ‘‘ऐसे मुद्दों को दबाया नही जा सकता जैसा कि पंजाब ने लालचंद कटारूचक और अन्य के खिलाफ नैतिक कदाचार के आरोपों के मामले में देखा है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री सहित सभी की नैतिक पतन के आरोपों की जांच की जानी चाहिए। यह मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों का लेखा-जोखा पेश करें तथा उन्हे पूरे मामले की स्वतंत्र जांच के लिए अपनी सहमति देनी चाहिए’’।
पूर्व मंत्री ने कहा कि एनआरआई द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जानी चाहिए। उन्होने कहा, ‘‘ एनआरआई उचित जांच में शामिल होने के लिए सहमत हो गया है और जांच एजेंसी को वीडियो फिल्मों सहित सबूत पेश करने के लिए तैयार हैं। उन्होने कहा कि एनआरआई की गवाही के रिकाॅर्ड करने के साथ साथ्ज्ञ उनके पास मौजूद सभी आपत्तिजनक सबूतों की फोरेंसिक जांच करने के लिए एक माध्यम की तलाश की जानी चाहिए’’। उन्होने कहा कि इस प्रक्रिया को सुचारू तरीके से पूरा करने के लिए कनाडाई अधिकारियों के साथ उचित समन्वय भी किया जा सकता है। मुख्यमंत्री से पूरी घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच में बाधा न बनने की मांग करते हुए सरदार मजीठिया ने कहा, ‘‘आप झूठी शेखी बघार कर अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से बच नही सकते। केवल एक स्वतंत्र जांच ही सच्चाई सामने आ सकती है और आपको इस जांच से भागना नही चाहिए’’।
सरदार मजीठिया ने कहा कि एनआरआई जगमनदीप द्वारा लगाए गए कुछ आरोप, विशेष रूप से मुख्यमंत्री की शराब पीने की आदत और मनमौजी व्यवहार, पिछले कई सालों के दौरान भगवंत मान के व्यवहार के अनुरूप है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक विशेष अवसर पर और तख्त दमदमा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की उपस्थिति में नशे की हालत में गए थे। उन्होने कहा, ‘‘यह सब जानते हैं कि उन्होने अपनी मां की कसम खाई थी कि वह 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के कहने पर एक सार्वजनिक समारोह में शराब का सेवन बंद कर देंगें। हांलाकि जब वह मुख्यमंत्री बने तो उन्हे फ्रैंकफर्ट के विमान से नशे की हालत में पाए जाने के कारण तथा यात्रा करने के अयोग्य पाए जाने के कारण विमान से उतार दिया गया था’’। सरदार मजीठिया ने कहा कि ये सभी तथ्य हैं जो पहले से ही सार्वजनिक हैं इसीलिए प्रवासी जगमनदीप द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।