मनाली। सर्दियों के चलते मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की रफ्तार थम गई है। यह मार्ग सोमवार से आधिकारिक तौर पर बंद हो गया है। अब इस मार्ग पर अगले वर्ष मई महीने में ही आवाजाही हो सकेगी। बारालाचा सहित शिंकुला व कुंजम दर्रों में सन्नाटा छा गया है। गर्मियों में इन दर्रों पर पर्यटकों की भीड़ रहती है लेकिन अब आगले साल मई में भी रौनक लौटेगी। मार्ग पर पानी जमना शुरू हो गया है। दर्रों पर बीच-बीच में हिमपात हो रहा है। कभी भी भारी हिमपात हो सकता है। मार्ग पर वाहन चलाने में खतरा बढ़ गया है। इसलिए लाहुल-स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार ने 17 नवंबर को ही अधिसूचना जारी कर 20 नवंबर से मार्ग बंद करने के आदेश दिए थे।
प्रशासन ने पर्यटकों व स्थानीय लोगों से मार्ग पर यात्रा न करने की अपील की है। मनमानी करने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी। आपात स्थिति में हिमाचल और लद्दाख पुलिस से अनुमति लेकर हालात बेहतर रहने पर आते जाते रहे हैं लेकिन अब दर्रों सहित घाटी में हिमपात की तैयारी है। ऐसे हालात में किसी को भी अनुमति मिलना मुश्किल रहेगा। दूसरी ओर कुंजम के बन्द हो जाने से लगभग पांच महीने के लिए स्पीति भी लाहुल से कट गई है। स्पीति के लोग अब हजारों मील की दूरी तय कर समदो से किन्नौर व शिमला होते हुए कुल्लू मनाली आ जा सकेंगे।सहायक आयुक्त संकल्प गौतम में आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रशासन ने 17 नवंबर को ही अधिसूचना जारी कर दी थी ताकि दो दिन के भीतर लोग आ जा सकें। बारालाचा दर्रा अक्टूबर में ही बन्द हो जाता था लेकिन इस बार बीआरओ के सहयोग से इसे 20 नवंबर तक खुला रखने का प्रयास किया है। उन्होंने पर्यटकों व वाहन चालकों से आग्रह किया कि वो अब इन दर्रों का रुख न करें।