404 Not Found


nginx
Sukhu's budget is not in line with the aspirations of workers - CITU
Monday , January 20 2025
Breaking News

मज़दूरों की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है सुखू का बजट – सीटू

सीटू मंडी ज़िला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और महासचिव राजेश शर्मा ने बीते कल विधानसभा में पेश किए गए बजट प्रस्ताव को मजदूरों व कर्मचारियों की आकांक्षाओं के खिलाफ बताया है। भारी महंगाई के दौर में मजदूरों की दिहाड़ी में केवल मात्र 25 रुपये की बढ़ोतरी करना औऱ लाखों मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम वेतन 400 रु भी न देना तथा पिछले साल की गई 28 रु की बढ़ोतरी को अभी तक जारी न करना और आंगनवाड़ी, मिड डे मील, आशा कर्मियों को भी न्यूनतम वेतन न देना इसका उदाहरण है। वाटर कैरियर, जल रक्षकों, मल्टी परपज़ वर्करज़, पैरा फिटर, पम्प ऑपरेटरों, चौकीदारों, राजस्व चौकीदारों, पंचायत वेटनरी असिस्टेंट के मासिक वेतन में केवल 300 से 500 रुपये बढ़ोतरी करना व उन्हें भी सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन न देना इन मज़दूरों के साथ क्रूर मज़ाक है। आउटसोर्स कर्मियों, सिलाई अध्यापकों, एसएमसी अध्यापकों, आईटी टीचर्स व एसपीओ के वेतन में नाम मात्र बढ़ोतरी करना व उनके लिए सरकार द्वारा कोई ठोस नीति न बनाना बेहद चिंताजनक है। औद्योगिक मजदूरों की 40 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी, श्रम कानूनों की पालना, उनके एसओपी व सुरक्षा नियमों पर यह बजट खामोश है। निगमों व बोर्डों की ओपीएस बहाली पर खामोशी सरकार की अपनी ही गारंटियों की वादा खिलाफी है। यह बजट मजदूरों कर्मचारियों के दुखों का निवारण करने वाला बजट नहीं है, बल्कि नाम मात्र की वृद्धि करके लोकसभा चुनावों में वोट हासिल करने की कोशिश भर हर जबकि वर्तमान में सरकार को न्यूनतम वेतन मूल्य सूचकांक के अनुसार बढ़ाने की आवश्यकता है।

About News Desk

Check Also

हिमाचल प्रदेश में 13 साल में प्रति हेक्टेयर 50% तक घट गया सेब का उत्पादन

हिमाचल प्रदेश में पिछले 13 साल में सेब उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है। …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *