दिल्ली: दिल्ली मेट्रो, जो भारत की राजधानी का प्रमुख परिवहन माध्यम है. ये न केवल तेज और सुविधाजनक यात्रा का साधन है, बल्कि इसकी स्वच्छता भी यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाती है. स्वच्छता किसी भी सार्वजनिक स्थान की पहचान होती है. और मेट्रो स्टेशन इस संदर्भ में कोई अपवाद नहीं है.
दिल्ली मेट्रो प्राधिकरण ने स्वच्छता बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए हैं. प्रत्येक स्टेशन पर सफाई कर्मचारियों की एक टीम नियुक्त की गई है, जो नियमित रूप से स्टेशन की सफाई करती है. सफाई प्रक्रिया में कचरा प्रबंधन, प्लेटफार्मों और लिफ्टों की सफाई और शौचालयों का रखरखाव शामिल है. इसके अलावा, स्टेशन पर फॉगिंग और कीटाणुशोधन भी किया जाता है, जिससे स्वच्छता के उच्च मानक सुनिश्चित होते हैं. कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है. यात्रियों की सुविधा के लिए प्रत्येक स्टेशन पर कचरे के डिब्बे लगाए गए हैं, ताकि लोग आसानी से कचरा डाल सकें. यात्रियों से स्वच्छता बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है, और उन्हें कचरा सही स्थान पर डालने के लिए जागरूक भी किया जाता है.
नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर गंदगी को लेकर लोकल 18 को बताया गया कि स्टेशन पर जगह-जगह थूक के निशान, बिखरे पर्चे और चिप्स के पैकेट्स स्वच्छता पर सवाल खड़े कर रहे हैं. ऐसे में यात्रियों का सहयोग अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. अगर सभी यात्री स्वच्छता के प्रति सचेत रहें और अपने आस-पास की सफाई का ध्यान रखें, तो मेट्रो स्टेशनों की स्वच्छता को बनाए रखना आसान हो जाएगा.
कुल मिलाकर दिल्ली मेट्रो की स्वच्छता उसके संचालन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह न केवल यात्रियों की सुविधा को बढ़ाती है, बल्कि एक स्वस्थ और सुरक्षित यात्रा अनुभव भी प्रदान करती है. दिल्ली मेट्रो का यह प्रयास भारतीय शहरों के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि किस प्रकार सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में स्वच्छता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.