मनाली। जिला लाहुल स्पीति के पट्टन घाटी के लिंडूर गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। गर्मीयों के दौरान जाहलमा नाले में लगातार आई बाढ़ से गांव में दरारें आ गई है। हालांकि, बरसात तो आकर चली गई है लेकिन लिंडूर गांव को खतरे में डाल गई है। गांव के ग्रामीण डर के साए में जीने को मजबूर हैं। नौ घरों में आई है दरारें जबकि तीन घरो को तो खाली करवाना पड़ा है। गांव में करीब 16 घर हैं और इसकी आबादी करीब 250 है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार उनके इस दर्द को समझ नहीं रही है। पिछले कुछ सालों से जाहलमा नाले में भयंकर बाढ़ आ रही है जिससे लिंडूर में लगातार भूमि का कटान हो रहा है। ग्रामीण लाल चन्द, प्रेम लाल व सोमदेव ने बताया कि भूमि कटाव होने के बाद गांव में दरारें आ गई है। लिंडूर गांव के ऊपर बने तीन सिचाई कुहलों से भी लगातार पानी जमीन में रिस रहा है।
उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी इस समस्या को कई बार विधायक रवि ठाकुर के सामने रखा लेकिन अभी तक सरकार की ओर से राहत बारे कोई पहल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अब तो ग्रामीण गांव में रहने से डर रहे हैं और निकटवर्ती गांव में रिश्तेदारों के उधर शरण लेने को मजबूर हैं। शनिवार को गांव की महिलाओं ने अपना दर्द पत्रकारों के सामने रखते हुए कहा कि सरकार उनकी इस समस्या को हल्के में ले रही है। विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि उन्होंने शनिवार को ही गांव का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की समस्या को सरकार के ध्यान में लाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने भारतीय प्रौधौगिकी संस्थान मंडी के निदेशक को पत्र लिख कर गांव के मौजूदा हालात से अवगत करवाया है। संस्थान की विशेषज्ञ टीम गांव पहुंच कर यहां की टोपोग्राफी, भूगोल और जीओलॉजिकल सर्वे कर भूस्खलन और दरारें पड़ने के कारणों का पता करेगी। रवि ठाकुर ने ग्रामीणों को इस संकट की घड़ी में सरकार और प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है।