चण्डीगढ़, 29 अक्तूबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य और हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बीच मनमुटाव हो तो उस प्रदेश की जनता का कैसे भला हो सकता है सब जानते हैं। एक उच्चाधिकारी द्वारा स्वास्थ्य मंत्री की अनदेखी का खामियाजा भी जनता भुगत रही है क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय में फाइलों के ढेर लग रहे है पर वे उन पर हाथ भी डाल रहे है। आज प्रदेश के हालात ये है कि हरियाणा आज के दिन में सबसे खराब कानून व्यवस्था के दौर से गुजर रहा है। कही हत्याएं हो रही है कही लूटपाट हो रही है तो कही रंगदारी और फिरोती मांगी जा रही है। हर व्यक्ति स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है। विज ने डीजीपी को 372 आईओ को निलंबित करने को कहा पर 92 आईओ को ही निलंबित किया जबकि अन्य को बचाने की कवायद में अधिकारी लगे हुए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के थानों में दर्ज एफआईआर और उन पर हुई कार्रवाई की न्यायिक जांच करवाई जाए।
मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा है कि सब जानते है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाजपा-जजपा सरकार के गृहमंत्री अनिल विज जिनको कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी दे रखी है, पर आज प्रदेश में हालात ऐसे है कि उनकी पुलिस सुनती नहीं है। हो सकता है सीएम खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज की अंदरुनी लड़ाई के चलते पुलिस सीएम के साथ खड़ी हो। उन्होंने कहा कि हरियाणा आज के दिन में सबसे खराब कानून व्यवस्था के दौर से गुजर रहा है। सीएम खट्टर ने प्रदेश के लोगों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर दिया और ये बयान तक दे दिया कि हर नागरिक को सुरक्षा उपलब्ध करवाना हमारे लिए मुमकिन नहीं है। जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री ये कह दे उसमें अपराधियों के हौसले कितने बुलंद होंगे, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहला मुद्दा कानून व्यवस्था का है, जोकि नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा है। उन्होंने कहा कि CID को लेकर पहले भी सीएम और विज के बीच काफी कुछ हुआ है।
उन्होंने कहा कि भाजपा जिसे सुशासन कहती है उसमें गरीबों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चुनाव वर्ष में भाजपा स्वयं को जनता की हितेषी होने का दावा करते हुए घोषणाओं के नाम पर लीपापोती कर रही है। उन्होंने भाजपा-जजपा गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गठबंधन जनता के विकास के लिए नहीं हुआ बल्कि यह गठबंधन तो लोगों को ठगने व भ्रष्टाचार के लिए हुआ है। जनता आज इन लोगों को पहचान चुकी है। जिसके चलते जनता अब उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के थानों में जो भी एफआईआर दर्ज हुई है उन पर क्या कार्रवाई हुई , कहां तक हुई की न्यायिक जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि आईओ की लंबित फाइलों की रिपोर्ट मई माह में मांगी गई थी पर अब गृहमंत्री के समक्ष पेश की जिस पर उन्होंने 372 आईओ को सस्पेंड करने को कहा था।
उन्होंने कहा कि इस प्रदेश के उच्च प्रशासनिक अधिकारी जब मंत्रियों को कुछ नहीं मानते तो विधायकों की तो इस सरकार में क्या स्थिति होगी। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अनदेखी करते हुए प्रदेश के अधिकारियों की बैठक ले डाली जिसकी स्वास्थ्य मंत्री को न तो सूचना दी और न ही बैठक के बारे में कुछ बताया। आज हालात ये है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपने विभाग का काम ही करना बंद कर दिया है उनके कार्यालय में फाइलों के ढेर लगे है, अधिकारी फाइलों पर हस्ताक्षर करने की कहते है तो मंत्री का जवाब होता है कि जो अधिकारी सीएमओ के कहने पर काम कर रहा है हस्ताक्षर उसी से करा लेना। जनता के जीवन से जुड़ी अनेक फाइलें टेबल पर पड़ी है। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार से जनता परेशान है और उसका विश्वास भी इस सरकार से उठ गया है। जनता चुनाव को इंतजार कर रही है।