प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आज का दिन बेहद खास है. 23 साल पहले आज ही के दिन उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था. यह केवल गुजरात के लिए नहीं, बल्कि भारत की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था. हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि नरेंद्र मोदी आखिर गुजरात के मुख्यमंत्री कैसे बने और उनकी इस यात्रा के पीछे की कहानी क्या थी. इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मोदी आर्काइव ने जानकारी शेयर की है.
मोदी की दूरदर्शिता, रणनीतिक योजना और कड़ी मेहनत ने बीजेपी को गुजरात में एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया. उनके नेतृत्व में, भाजपा ने न केवल कांग्रेस के प्रभाव वाले क्षेत्रों में जगह बनाई, बल्कि राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को भी पूरी तरह से बदल दिया. उन्होंने संगठनात्मक मजबूती के साथ पार्टी को उन क्षेत्रों में पैर जमाने में मदद की, जहां भाजपा का पहले कोई खास प्रभाव नहीं था.
पोस्ट में आगे लिखा है, ‘1985 में जब आरएसएस ने नरेंद्र मोदी को भाजपा के साथ काम करने का निर्देश दिया, तब उनके राजनीतिक कौशल और दूरदर्शिता ने भाजपा को कांग्रेस के खिलाफ एक गंभीर चुनौती देने वाली पार्टी के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.’
बाद में पार्टी नेतृत्व ने नरेंद्र मोदी को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया और 7 अक्टूबर 2001 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने विकास के नए आयाम देखे, और उनकी यही नेतृत्व क्षमता बाद में उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनने तक लेकर गई. इस तरह, 23 साल पहले की यह घटना एक मील का पत्थर साबित हुई थी, जिसने भारत की राजनीति में पीएम मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व को स्थापित किया.