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इस वर्ष 60, 000 सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य, जिनमें से 41 हजार 217 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी- मुख्यमंत्री

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार का लक्ष्य हर युवा को रोजगार से जोड़ने का है, ताकि प्रदेश का कोई भी युवा बेरोजगार न रहे और हरियाणा आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं के स्वाभिमान की रक्षा के लिए सरकारी नौकरियों को मिशन मैरिट में बदला है। पिछले 9 सालों में युवाओं को योग्यता के आधार पर बिना खर्ची-पर्ची के 1 लाख 10 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां देकर उनका मनोबल बढ़ाया है। इस वर्ष 60,000 नौकरियां देने का लक्ष्य है, जिनमें से 41 हजार 217 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, विगत 9 वर्षों में निजी क्षेत्र में भी रोजगार और स्व रोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्‍ध करवाएं हैं। परिणास्वरूप 47 लाख 40 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को चंडीगढ़ में सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के 1 लाख रुपये से कम वार्षिक पारिवारिक आय वाले युवाओं से संवाद किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं के स्वाभिमान की रक्षा के लिए सरकारी नौकरियों को मिशन मैरिट में बदला है। पिछले 9 सालों में युवाओं को योग्यता के आधार पर बिना खर्ची-पर्ची के 1 लाख 10 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां देकर उनका मनोबल बढ़ाया है। इस वर्ष 60 हजार नौकरियां देने का लक्ष्य है, जिनमें से 41 हजार 217 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, विगत 9 वर्षों में निजी क्षेत्र में भी रोजगार और स्व रोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्‍ध करवाएं हैं। परिणास्वरूप 47 लाख 40 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों से ज्यादा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सरकारी भर्तियां हुई हैं। उन्होंने आंकड़ा साझा करते हुए बताया कि वर्ष 1999 से 2005 तक हरियाणा लोक सेवा आयोग व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 15,125 भर्तियां की गई थी। 2005 से 2014 तक 86,067 भर्तियां हुई थी। जबकि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान 2014 से 2023 तक कुल 1,14,210 भर्तियां की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के उन परिवारों के युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता दी है, जिनको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इसके लिए हमने सबसे पहले सबसे गरीब का उत्थान करने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की है। इस योजना के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि 1 लाख रुपये वार्षिक से कम आय वाले परिवारों के युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से रोजगार दिया जाए। इतना ही नहीं, इस योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश में 50 हजार लोगों को अंत्योदय मेलों में मदद मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार मेलों के माध्यम से रोजगार देने वालों और रोजगार चाहने वालों को सांझा मंच उपलब्ध करवाया गया है। राज्य सरकार के 9 वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश में 1889 रोजगार मेले आयोजित किए गये हैं तथा 1 लाख 4 हजार 114 युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि स्वावलम्बन व स्वाभिमान युवाओं के उत्थान व कल्याण के दो महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ हैं। उन्होंने कहा कि यही नहीं, युवाओं को निजी क्षेत्र में भी रोजगार देने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं। प्रदेश में 49 हजार 952 नये उद्योग लगे हैं, जिनमें लगभग 5 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। इतना ही नहीं, युवाओं को नौकरी के लिए बार-बार आवेदन करने व फीस भरने से छुटकारा दिलाने के लिए ‘एकल पंजीकरण की सुविधा शुरू की है। बार-बार प्रतियोगी परीक्षा से निजात दिलाने के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा का प्रावधान किया गया है। यह भी व्यवस्था की है कि गरीब परिवार भी सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकें। इसके लिए सरकारी नौकरियों में गरीब परिवारों के उम्मीदवारों को 5 अतिरिक्त अंक देने का प्रावधान किया है। यही नहीं, कौशल रोजगार निगम के माध्यम से कच्चे कर्मचारियों की भर्ती में भी गरीब परिवारों के युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में नौकरियां सीमित हैं। ऐसे में शत-प्रतिशत युवाओं को नौकरी देना सरकार के लिए मुश्किल काम है। इसलिए सरकार ने बीड़ा उठाया है कि युवाओं को कौशल विकास व गुणवत्तापरक शिक्षा देकर इतना सशक्त बनाया जाए कि वे नौकरी मांगने वाले की अपेक्षा नौकरी देने वाले बनें। हमारा लक्ष्य वर्ष 2023-24 में 2 लाख बेरोजगार युवाओं को राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। इसके लिए हरियाणा कौशल विकास मिशन के माध्यम से विशिष्ट प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत 80 हजार से अधिक युवाओं को कौशल प्रदान किया जा चुका है ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल इंडस्ट्रीज को ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो नवीनतम तकनीक के अनुसार उद्योगों की मांगों को पूरा कर सकें। इसलिए हमने प्रदेश में अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया है। प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर पूरे देश में हरियाणा राज्य में अधिकतम अप्रेंटिस लगाए गये हैं। कौशल प्राप्त युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए उद्योगों को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। इसलिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को गति देने के लिए राज्य में अलग से एम.एस.एम.ई. विभाग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि विदेशों में रोजगार तलाश करने वाले युवाओं की संख्या काफी अधिक है। लेकिन ये युवा कई बार विदेश भेजने का झांसा देने वाले जालसाजों के जाल में फंस जाते हैं। हमने उन्हें विदेशों में शिक्षा व रोजगार दिलाने के लिए विदेश सहयोग विभाग बनाया है।

विदेश में रोजगार के अवसर तलाशने वाले युवाओं के कॉलेज में ही निःशुल्क पासपोर्ट बनाए गए। अब तक 26 हजार 895 युवाओं के पासपोर्ट बनाए गए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि हमारे युवाओं को ऐसी शिक्षा मिले, जो उन्हें रोजगार सक्षम बनाए, चरित्रवान बनाए और उनमें नैतिक गुणों का समावेश करे। इसी दिशा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। हमने नई शिक्षा नीति के मूल उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल से जोड़ा है। उन्होंने युवाओं को आधुनिक रोजगारपरक विषयों का शिक्षण व प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने के लिए हमने विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना भी की है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां शिक्षित बेरोजगार युवाओं को हर महीने 100 घण्टे का मानद काम देने के लिए ‘सक्षम युवा योजना चलाई जा रही है। इसके तहत लगभग 4 लाख युवाओं को मानद कार्य उपलब्ध करवाया गया।

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