उत्तराखंड के टनकपुर में एक महिला पर बाघ द्वारा जानलेवा हमला करने की खबर सामने आई हैं। बाघ द्वारा महिला पर हमला कर उसे घायल कर दिया। ये घटना उस वक़्त हुई जब वह महिला घास काटने के लिए जंगल गई थी। लेकिन महिला की जान उसकी दो साथी सहेलियों द्वारा बचा ली गई। जब बाघ द्वारा महिला पर हमला किया जा रहा था। उस वक़्त दोनों सहेलियों ने समझदारी दिखाते हुए शोर मचाना शुरू कर दिया। जिस कारण वह बाघ वहा से भाग निकला। जिसके बाद दोनों महिलाओ द्वारा घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। यह उचौलीगोठ इलाके की हैं।
मामले की पूरी घटना :-
दरअसल, यहां रहने वाली तीन महिलाएं घास लेने के लिए जंगल आई थीं। उसी दौरान वहां घात लगाकर बैठे एक बाघ ने गीता देवी पर हमला कर दिया। गीता के साथ आईं पार्वती और जानकी देवी ने जब यह सब मंज़र देखा तो वे बिना कुछ सोचे समझे अपनी सहेली की जान बचाने आ गईं और ज़ोर-ज़ोर शोर मचाना शुरू कर दिया, ताकि आस-पास से कोई आकर उनकी मदद कर सके। लेकिन महिलाओं के शोर मचाने से बाघ खुद ही वहां से भाग निकला। क्योंकि वे दोनों महिलाएं बाघ पर लकड़ी और पत्थर से हमला भी कर रही थीं।
जैसे ही बाघ वहां से भागा, उसके तुरंत बाद ही जानकी और पार्वती ने देखा कि गीता देवी की हालत काफी नाज़ुक लग रही हैं क्यूंकि बाघ ने गीता को काफी बुरी तरह घायल कर दिया गया था। जिसके बाद दोनों सहेलियों ने गीता को ग्रामीणों की मदद से नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। जहां गीता देवी के सिर पर 21 टांके लगाने पड़े। वही, इलाज के बाद अब गीता की हालत खतरे से बाहर है। लेकिन उसे हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया गया है। ताकि गीता को वहां बेहतर इलाज मिल सके। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अपनी सहेली की जान बचाने वालीं जानकी और पार्वती को सम्मानित किया गया।