चंडीगढ़- एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि उन्हें दुख है कि चंडीगढ़ की सेशन अदालत ने पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के हत्यारे व बब्बर खालसा के भारत में प्रमुख जगतार सिंह हवारा को आरडीएक्स व हथियार मिलने के मामले में चंडीगढ़ के सेक्टर 36 के थाना में दर्ज मुकदमें सबूताकें के अभाव पर उसे बरी कर दिया गया जबकि जगतार सिंह हवारा हार्ड कोड टेरोरिस्ट है और 2004 में चंडीगढ़ बुडैल जेल में 109 फुट की सुरंग खोदकर फरार हो गया था। ऐसे आतंकवादी को सबूतों के अभाव से बरी करना राष्ट्रहित में नहीं।
वीरेश शांडिल्य ने वीरवार को हवारा को बरी करने के विरोध में प्रदर्शन किया और ऐलान किया वहीं आतंकवादी जगतार सिंह हवारा को बरी करने के विरोध में एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के वकील चंडीगढ़ के सेशन अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर करेंगे वहीं पिछले 25 साल से खालिस्तान, बब्बर खालसा के आतंकवादियों व जरनैल सिंह भिंडरावाला की मुहिम सहित पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वह पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को मिलेंगे इसके लिए उन्होंने राज्यपाल से टाइम मांग लिया है और वह मांग करेंगे कि सेक्टर 36 थाना में जगतार सिंह हवारा के खिलाफ धारा 121, 121ए, 122, 153, 120 भी आर्म एक्ट की धारा 25, 54, 59 व एक्सपोलोसिव एक्ट की धारा 45 के तहत दर्ज केस की पैरवी ठीक क्यों नहीं हुई जिम्मेवार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया लिखित शिकायत देगी।
शांडिल्य ने कहा कि जगतार सिंह हवारा जैसे आतंकवादी पाकिस्तान की आईएसआई व पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों से जुड़े हुए हैं। अदालतों को इन्हें बरी करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए क्योंकि यह संविधान कानून व भारतीय तिरंगे सहित राष्ट्र के दुश्मन हैं इन आतंकवादियों का जिंदा रहना राष्ट के लिए खतरा है। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि जब 2004 में हवारा ने बुडैल जेल ब्रेक किया था तो उनके संगठन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने जनहित याचिका दायर की थी यही नहीं जब बब्बर खालसा के आतंकवादी जगतार सिंह हवारा दिल्ली तिहाड़ जेल से बाय रोड चंडीगढ़ आते थे तो राष्ट की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके संगठन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए हाईकोर्ट से मांग की थी कि इन आतंकवादियों की सुनवाई तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो। शांडिल्य ने कहा कि उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार व तिहाड़ जेल को आदेश दिए थे कि जगतार सिंह हवारा व अन्य आतंकवादियों की सुनवाई तिहाड़ जेल वीसी से हो। शांडिल्य ने कहा कि उनका संगठन हवारा के साक्ष्यों के अभाव से बरी होने के कारण दुखी है।