हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इस माह की 25,26,27 को मज़दूरों और किसानों का महापड़ाव आयोजित किया जायेगा। जिसमें 25 नवंबर को मनरेगा व निर्माण मज़दूर तथा वर्षा प्रभावित व किसान 26 को आंगनवाड़ी, मिड डे मील और आशा व्रकर्ज तथा 27 को औद्योगिक क्षेत्र तथा रेहड़ी फहड़ी तथा आउटसोर्स मज़दूर भाग लेंगे। ये जानकारी सीटू के मंडी ज़िला के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने आज मंडी में संम्पन्न हुए सीटू के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के मौके पर दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा का बजट कम कर दिया है जिस कारण जॉबकार्ड धारकों को काम नहीं मिल रहा है वहीं सुखू सरकार ने राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभ रोक दिए हैं।वर्तमान में बोर्ड में साढ़े चार लाख मज़दूर पंजीकृत हुए हैं और उन्हें हर साल एक सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपये की सहायता मिलती थी जो पिछले एक साल से बन्द हो गई है। लेकिन जब से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार सुखू के नेतृत्व में बनी है तब से ये सहयता रोक दी गई है और अब आलम ये है कि इस वित्त वर्ष में मात्र 21 लाख रुपये की सहायता ही प्रदान की गई है जबकि पिछले साल ये सहायता राशी 160 करोड़ रुपये जारी हुई थी।
जिसके चलते सबसे ज्यादा सहायता मज़दूरों के बच्चों की पढ़ाई के लिए 58 करोड़ रुपये विवाह शादी के लिए 95 करोड़ मैडिकल सहायता के लिए 90 लाख रुपये प्रसूति प्रसुविधा के लिए 2.4करोड़ रुपये तथा मृत्य और दाह संस्कार के लिए 5 करोड़ और पेंशन के लिए 20 लाख रुपये जारी हुए थे। इसलिये इस सहयता को बहाल करने के लिए मज़दूर 5 जून को भी शिमला में रैली कर चुके हैं लेकिन ये सहयता बहाल नहीं हुई है इसलिये अब 25 नवंबर को फ़िर से विरोध रैली की जा रही है।इसके अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और हैल्परों, मिड डे मील तथा आशा वर्करज को विभागीय कर्मचारी बनाने और उन्हें सरकार का निर्धारित न्यूनतम वेतन लागू करने की मांग की जाएगी।
उद्योगों में श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करने और रेगुलर आधार पर रोज़गार देने की नीति लागू करने की भी मांग की जाएगी।इस महापड़ाव के बाद सीटू माह दिसंबर से केंद्र की मोदी सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों का विरोध करने और इस सरकार को अगले साल सत्ता से बाहर करने के लिए डोर टू डोर जनजागरण अभियान चलाया जाएगा और गांव गांव तथा कार्यस्थलों पर पर्चा वितरण किया जायेगा।इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने, नई शिक्षा नीति को लागू न करने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा।
दो दिवसीय कार्यशाला में राष्ट्रीय केंद्र से तपन सेन, के एन उमेश डॉ कश्मीर ठाकुर ने बतौर ट्रेनर भाग लिया तथा राज्य अध्यक्ष विजेंदर मेहरा महासचिव प्रेम गौतम, जगत राम, रविन्द्र कुमार, सुदेश ठाकुर, जोगिन्दर कुमार, रंजन शर्मा, राजेश ठाकुर, भूप सिंह भंडारी, चमन लाल,भूपेंद्र सिंह, राजेश शर्मा, गुरदास वर्मा, सुरेंद्र कुमार, रामु,रमाकांत मिश्रा, अजय दुलटा,कुलदीप सिंह, विजय शर्मा, मोहित कुमार,ओमदत्त, दलजीत सिंह, लाल सिंह,आशीष कुमार, नीलम जस्वाल, विना शर्मा,हिमी देवी, क्षमा वर्मा, गोदावरी, लक्ष्मी सहित अस्सी लोगों ने बतौर प्रशिक्षु भाग लिया।