हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज चुनावों में नगर निकायों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और इन चुनावों के नतीजों का विश्लेषण किया जाए तो एक तरफ जहां ऊपर के हिमाचल में पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी को खासा लाभ हुआ है वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार को जोर का झटका धीरे से जरूर लगा है ।विशेष रुप से अगर मंडी जिला की ही बात करें तो बेशक सरकार के दबाव में आजाद उम्मीदवारों को अपने साथ मिलाकर भाजपा अपने नगर निकाय में दावेदारी बता सकती है लेकिन जमीनी हकीकत को देखा जाए तो सिर्फ सुंदर नगर को छोड़कर मंडी जिला में भी कहीं भाजपा सरकार अपना जीत का परचम अपने ही दम पर नहीं गाड़ पाई ।
अब जिला परिषद के चुनावों पर निगाहें टिकी हुई है। अगर सबसे पहले अगर हम सिराज की ही बात करें तो यहां पर 4 वार्ड हैं जहां पर जिला परिषद के चुनाव होने हैं जिसमें बरयोगी,थाची,मजोति और रोड चार वार्ड हैं और अगर यहां पर मुकाबले की बात करें तो बरयोगी में सीधा सीधा मुकाबला कम्युनिस्टों का कम्युनिस्टों के साथ ही है वही सिराज के अन्य तीन वार्डो में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में भी है। लेकिन यहां पर बर योगी से भाजपा की ही आजाद उम्मीदवार मीरा देवी भाजपा के समीकरण बिगाड़ ती नजर आ रही है।
वही सिराज के ही पंचायत बागी बनवास में पानी की सुविधा अभी तक नहीं होने को लेकर भी चर्चा पूरे विधानसभा क्षेत्र में है और माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं यह भी मुद्दा इस चुनाव में रहेगा। यहां लोगो को पानी के लिए 2 किलोमेटरतक पैदल चलना पड़ता है।
इन सबके बीच में हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का मंडी जिला का दौरा था और उस दौरे में ही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने अपना रात का प्रवास अपने विधानसभा क्षेत्र सिराज में अपने घर में ही रखा था जहां पर उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की और पंचायती राज चुनावों के लिए जो जरूरी दिशानिर्देश होते हैं वह भी उम्मीदवारों को अपने स्तर पर दिए,मतलव एक इशारा जरूर जयराम कर गए हैं और अब लोग कितना गंभीर इसको लेंगे ये तो नतीजे ही बताएंगे।
अगर हम स्थानीय चर्चा की बात करें तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पद संभालने के बाद यहां पर ठेकेदारी प्रथा का प्रचलन इतना अधिक हो गया है कि स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन लोगों के पास साइकिले तक नहीं होती थी वह आज बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूम रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री के करीबी हैं और बाकी सिराज की जो जनता है वह अपने ही तरीके से जैसे पहले जीवन यापन करती थी उसी तरह से कर रही है।
सिराज के ही एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि सिराज का मतलब होता है पिछड़ा हुआ इलाका या शीतल जगह जहां कोई नही आता है और आज हम गर्व से खुद को शिराजी कहते हैं क्योंकि इस पिछड़े हुए इलाके से ही आज प्रदेश को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मिले हैं। उन्होंने कहा कि वह भी एक दौर था जब हमें पिछली श्रेणी में रखा जाता था और बैकवर्ड क्लास के हम लोग गिने जाते थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चाहिए था कि सिराज के हर व्यक्ति जिन्होंने उनकी जीत में योगदान अपना मतदान करके दिया है सभी को साथ लेकर चलते लेकिन उन्होंने ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देते हुए चंद लोगों तक ही खुद को सीमित कर लिया और यही इन पंचायती राज चुनावों में स्थानीय स्तर पर मुद्दा भी है हालांकि हम लोग सिराज का मुख्यमंत्री होने पर गर्व महसूस करते हैं लेकिन लोकल नेताओं की कारगुजारी से खुश भी नही है ।