‘एक देश एक चुनाव’ के लिए बने राजनैतिक दलों में सहमति : शांता
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के सुझाव का किया समर्थन
पालमपुर
भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के ‘एक देश एक चुनाव’ का सुझाव अत्यन्त महत्वपूर्ण ही नहीं भारत की आज स्थिति में अत्यन्त आवश्यक और लाभदायक भी है। उन्होंने सभी राजनैतिक दलों से इस सुझाव को अतिशीघ्र स्वीकार करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक लाभ धन की बचत है। विधान सभा और लोक सभा का चुनाव पूरे देश में एक बार होने से सरकार के अरबों रूपयों की बचत होगी। भारत में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव ही अलग अलग नहीं होते- अलग अलग समय पर विधान सभाओं के चुनाव या उप*चुनाव भी होते रहते हैं। इन चुनावों पर इतना अधिक खर्च होता है जो भारत के विकास की दृष्टि से एक बहुत बड़ा अपराध है।
उन्होने कहा कि कोरोना संकट के कारण देश भयंकर आर्थिक संकट में है। इस दृष्टि से यह निर्णय करके करोड़ों/अरबों रूपये बचाना समय की सबसे बड़ी मांग को पूरा करना होगा।
शांता कुमार ने कहा कि आज भारत में पूरे 5 साल राष्टीय राजनीती चुनाव के मूड में ही रहती है। विकास का मूड बहुत कम बनता है। अभी बिहार का चुनाव समाप्त हुआ और उसके बाद बंगाल के चुनाव की तैयारी शुरू हो गई। सभी दलों के राष्ट्रिय नेता इस प्रकार पूरे 5 साल चुनाव में ही उलझे रहते हैं।
उन्होने कहा कि चुनाव में सरकारों का धन तो खर्च होता ही है- राजनैतिक दल और उम्मीदवार भी करोड़ों-अरबों खर्च करते हेैं। यह एक कड़बी सच्चाई है कि चुनाव में सभी पार्टियां काले धन का उपयोग भी करती हैं जो एक बहुत बड़ा कलंक है। यदि 5 साल में सारे चुनाव एक बार हो जायें तो 5 साल में देश एक बार ही कलंकित होगा। आज की परिस्थिति में पूरे 5 साल कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं और काला धन खर्च होता है जिससे देश बार-बार कलंकित होता रहता है।
उन्होने कहा कि ग्लोवल हंगर इन्डैक्स की रिपोर्ट के अनुसार जिस देश में 16 करोड़ लोग रात को भूखे पेट सोने को मजबूर हैं उस देश में बार बार के चुनाव पर अरबों रूपये खर्च करना एक मूर्खता भी है और अपराध भी है।
शांता कुमार ने कहा कि अटल जी के समय में इस विषय पर गंभीरता से बिचार हुआ था। मन्त्रीमण्डल के कुछ सदस्यों की कई बार प्रधानमन्त्री से अनौपचारिक बातचीत भी हुई थी। अटल जी ने एक बार विपक्षी दलों के नेताओं से चर्चा भी की थी।
उन्होने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी से जूझते भारत जैसे देश में प्रधानमन्त्री मोदी का यह सुझाव अतिशीघ्र स्वीकार किया जाना चाहिए। कश्मीर में धारा 370 समाप्त करने के बराबर ही यह करना भी राष्ट्रिय महत्व का कार्य होगा।