सरकाघाट। राष्ट्रीय उच्च मार्ग 03 पर सरकाघाट – धर्मपुर पर दमसेहडा और पाडछू के मध्य सटयार खड्ड के ऊपर बना गासिंया नामक स्थान पर करीव 50 वर्ष पूर्व निर्मित 50 मीटर लम्वा और 40 मीटर उंचा लोहे का पुल जर्जर अवस्था में होने और लोक निर्माण विभाग की अनदेखी के चलते किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहा है। बता दें कि यह इकलौता पुल है जो दोनो विधान क्षेत्रों धर्मपुर व सरकाघाट को जोडता है। एनएच निर्माण के चलते इस पुल की हालत बहुत ही खराव हो चुकी है। यहां तक की पुल पर भार क्षमता से दो गुना अधिक भारी वाहन गुजारे जा रहे हैं जिसके चलते पुल के स्लैब में भी दरारें पड़ चुकी है वहीं एनएच का निर्माण कार्य चलने से पुल पर मिट्टी भर गई है और हमेशा किचड घुला रहता है।
जिसकी वजह से जहां पुल को पैदल पार नही किया जा सकता है, वहीं वाहन चलाना भी किसी जोखिम से कम नही है। पानी की निकासी के लिए पुल के दोनो तरफ वनाए गए करीब 30 होल बिल्कुल बंद हो चूके हैं। जिसकी वजह से पुल पर मिट्टी की मोटी परत वन गई है और हमेशा किचड घुला रहता है। एनएच निर्माण के चलते इसी पुल पर से सैंकडों छोटे बडे वाहन और बडी बडी मशीने गुजरती हैं। पुल के दोनों छोरों पर छोटी गाड़ी किचड में फंस जाती है और कुछ वाहन फिसलने से क्षतिग्रस्त भी हुए हैं। हैरानी की बात है कि यह पुल लोकनिर्माण विभाग के अंतर्गत आता है लेकिन एनएच निर्माण के चलते लोकनिर्माण विभाग अपनी जिम्मेदारी भूल गया है और एनएच पर निर्भर हो गया है। जबकि सचाई यह है कि इस पुल की जिम्मेदारी लोकनिर्माण विभाग की ही वनती है। इसकी देख रेख और रख रखाव लोकनिर्माण विभाग को रखना होगा।
पुल पर जमा हुई मिटी और कीचड़ को उठाना और पानी की निकासी के लिए पुल के दोनो तरफ वनाए गए होलज को खुलवाया जाना जरूरी है। अन्यथा किसी दिन बडा हादसा हो सकता है,जिसके लिए लोकनिर्माण विभाग जिम्मेदार है।इस बारे जब अधिशाषी अभियन्ता लोकनिर्माण विभाग मंडल धर्मपुर के अधिशासी अभियंता विवेक शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग को सड़क निर्माण कंपनी को सौंप दिया गया है और वही इसका निर्माण कार्य पूरा करेगी। वहीं सड़क निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से लेकर निर्माण कंपनी के ठेकेदार को कहीं फोन किए गए परंतु किसी ने भी फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।