ज्वाइंट टीचर्स एसोसिएशन की बैठक में फैसला किया गया की चंडीगढ़ में पंजाब सिविल सर्विस रूल को दोबारा लागू करवाने के लिए 21 सितंबर को मस्जिद मैदान में एक रैली की जाएगी जिसमें सभी अध्यापकों के हस्ताक्षर करवा एक मांग पत्र चंडीगढ़ के प्रशासक को भेजा जाएगा । इसकी जानकारी देते हुए कन्वीनर डॉ रमेश चंद्र शर्मा ,चेयरमैन रणवीर जोरार, कानूनी सलाहकार अरविंद राणा, महासचिव अजय शर्मा व सह सयोंजक संगीता रानी ने दी। उन्होंने कहा चंडीगढ़ में सेंटर सर्विस रूल्स को लखगू नही बल्कि थोपा गया है जो कि एक गलत कानूनी प्रक्रिया है उन्होंने बताया हम यह चाहते हैं की प्रशासन हर कर्मचारी को एक ऑप्शन दे ताकि वह अपनी मरजी से पंजाब सिविल सर्विस रूल या फिर सेंटर सर्विस रुल हो किसी को भी चुन सके। (Punjab News)
उन्होंने कहा 80 के दशक में जब चंडीगढ़ में सेंटर सर्विस रूल लगाए गए थे तब भी प्रशासन ने एक ऑप्शन दी थी और कुछ कर्मचारी तो इस ऑप्शन का फायदा भी उठाया था लेकिन इस बार गलत तरीके से थोपे गए सर्विस रूल के विरुद्ध हम मिलकर आवाज उठाएंगे और प्रशासन को इस बात से अवगत करवाएंगे की ऑप्शन कर्मचारियों का अधिकार है और यह उनको मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा इसके अलावा समग्र शिक्षा में छठे पे कमिशन ,ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों को सातवें पे कमिशन,डैपुटेशन में कार्यरत कर्मचारियों को भक्ते ,कंप्यूटर अध्यापकों की वेतन की बारे में और 2015 बैच में नियुक्त अध्यापकों को सातवें पे कमीशन के बारे में भी इस बैठक में चर्चा की जाएगी और भविष्य में किस तरह से संगठित होकर हम अध्यापकों की मांगों को पूरा कर सकते हैं इस पर विचार किया जाऐगा।
जे.टी.ऐ के प्रतिनिधियों ने कहा शिक्षक दिवस पूरे भारतवर्ष में अध्यापकों के लिए एक नियत दिन है इसका सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है और हम सभी अध्यापकों से यह निवेदन करते हैं शिक्षक दिवस के ऊपर विद्यालयों में और अपने घरों में भी इस दिन का महत्व को सामने रखते हुए इसको मनाऐ। हम किसी भी तरह से इस दिन का विरोध नहीं करेंगे। विरोध प्रदर्शन के लिए हमारे पास पूरा वर्ष रहता है लेकिन इस दिन को चुनकर जहां हम शिक्षकों का अपमान कर रहे हैं वहां हम डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णनन जी की सोच को भी ठेस पहुंचा रहे हैं। जी.टी.ए ने मांग की है कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का स्मारक चंडीगढ़ में कहीं स्थापित होना चाहिए ताकि हम शिक्षक दिवस को बंद कमरों में छोड़कर खुले आसमान में एक चिन्श के रूप में मनाएं जिससे ना केवल एक ही दिन बल्कि पूरा वर्ष शिक्षकों की भावनाओं को समझा जा सके और उसके महत्व को भी जाना जा सके।इस मौके पर मैडम सुमन, मैडम प्रवीण, दुष्यंत, राकेश कुमार ,सतेंदर रोहिल्ला, नवजीत मौजूद रहे। (Punjab News)