चंडीगढ़,18 अक्टूबर। देश की राजधानी दिल्ली में पुरानी पेंशन बहाली व रेगुलराइजेशन आदि मांगों को लेकर 3 नवंबर को रामलीला मैदान में होने वाली चेतावनी रैली अभूतपूर्व होगी। जिसमें केन्द्रीय एवं राज्य कर्मचारी भारी संख्या में शामिल होकर सरकार को चेतावनी देंगे। चेतावनी रैली में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व चंडीगढ़ आदि दिल्ली से नजदीक राज्यों से भारी तादाद में कर्मचारी शामिल होंगे। रैली में जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी भी अच्छी संख्या में शामिल होंगे। चेतावनी रैली का आह्वान अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ, कनफरडेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स, स्कूल टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया व अखिल भारतीय राज्य सरकारी पेंशनर्स फेडरेशन ने संयुक्त रूप से किया है। रैली का बैंक, रेलवे, इंश्योरेंस व डिफेंस के कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन करने का ऐलान कर दिया है।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव ए.श्रीकुमार ने बताया कि चेतावनी रैली की ऐतिहासिक सफलता सुनिश्चित करने और कर्मचारियों की प्रमुख मांगों के समाधान को लेकर सरकार के घोर उपेक्षापूर्ण रवैए की जानकारी देने के लिए 16 अक्टूबर से देशभर में सभी राज्यों में “रिच टू अनरईच” अभियान चलाया गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले 9 अगस्त से 15 अक्टूबर तक सभी राज्यों में कर्मचारी वाहन जत्थे चलाए गए हैं। जिसका कर्मचारियों का भारी समर्थन मिला है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार रिकॉर्ड तोड़ जीएसटी के कलेक्शन का दावा कर रही है और दूसरी तरफ कर्मचारियों व पेंशनर्स के जुलाई माह से देय डीए/डीआर की किश्त नही दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्कोमचारियों एवं पेंशनर्स के कोरोना माहमारी में फ्रिज किए गए 18 महीने के डीए/ डीआर को भी रिलीज नहीं कर रही है। सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करने की बजाय इनको निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। बेरोजगारी की दर करीब आठ प्रतिशत तक पहुंच गई है लेकिन सरकार केन्द्र एवं राज्य सरकार के विभागों और पीएसयू में खाली पड़े 60 लाख से ज्यादा पदों को पक्की भर्ती से भरने की बजाय आउटसोर्स, ठेका व चार साल के लिए अग्निवीर जैसी भर्ती कर पढ़ें लिखे बेरोजगार युवाओं के हितों से खिलवाड़ कर रही है।
चेतावनी रैली की मांगे निम्न हैं :-
1. पीएफआरडीए कानून को वापस लो। पुरानी पेंशन लागू करो।
2. स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोस्टल (जीडीएस) कर्मचारियों सहित सभी आउटसोर्स एवं डेलीवेजिज कर्मचारियों को पक्का करो। केंद्र एवं राज्य सरकार के विभागों में सभी रिक्त पदों को पक्की भर्ती से भरा जाए।
3. सरकारी विभागों को सिकोड़ना बंद करो।पीएसयू के निजीकरण को बंद करो।
4. सभी ट्रेड यूनियन एवं जनतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित किया जाए। ISROSA, AIPEU-Class 3,NFPE की रद्द की गई मान्यता बहाल किया जाए।
5. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करो।
6. आठवें वेतन आयोग का गठन करो और 18 माह के रोके गए डीए / डीआर का भुगतान करो। पेंशनर्स की 65, 70, 75 व 80 साल की उम्र में बेसिक पेंशन में क्रमशः 5 प्रतिशत बढ़ोतरी किया जाए।
7. अनुकंपा रोजगार स्कीम के तहत दिए जाने वाले रोजगार में लगाई गई सभी शर्तों को हटाया जाए।