चंडीगढ़, 11 सितंबर : आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ अशोक तंवर सोमवार को ऑल इंडिया फॉरेस्ट ऑफिसर्स फैडरेशान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वन शहीदी दिवस कार्यक्रम में अमृतसर पहुंचे। इस दौरान ड्यूटी पर शहीद हुए वन विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी व जख्मी होने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर उनके साथ पंजाब के पंचायत राज एवं परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भूल्लर मौजूद रहे। इससे पूर्व उन्होंने भगवान वाल्मीकि पावन तीर्थ और सीता माता कुटिया व धूने के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि इसी पावन स्थान पर भगवान वाल्मीकि ने लव-कुश को शिक्षा दी थी।
उन्होंने कहा कि प्रकृति एवं वातावरण को सहेज कर रखने में वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका बेहद महत्त्वपूर्ण होती है। वन विभाग के कर्मचारी पूरे समपर्ण के साथ अलग अलग जिलों में अपने काम पर लगे रहते हैं और कई बार पेड़ों की सुरक्षा में अपना जीवन कुर्बान कर देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई समुदाय और गांव हैं जहां आजीविका का एकमात्र स्रोत जंगल हैं। साथ ही, लोग पौधों और जानवरों को अपने परिवार के रूप में संरक्षित करते हैं। उनकी रक्षा के लिए कई लोग अपनी जान जोखिम में डालते हैं, इसलिए उनके योगदान की सराहना करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर पेड़ों के मूल्य को याद किया जाता है। हमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए जंगलों का संरक्षण करना चाहिए और पेड़ों की सुरक्षा करनी चाहिए। पौधे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बहुत प्रभावित करते हैं| उन्होंने कहा कि इस घटना को एक प्रमुख घटना के रूप में याद किया जाता है और इसने चिपको आंदोलन जैसे कई कार्यकर्ताओं और अभियानों को प्रेरित किया है, जिसमें किसानों ने पेड़ों को काटने से बचाने के लिए उन्हें गले लगा लिया था। राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पेड़ों के महत्व को याद करता है। स्वस्थ जीवन जीने के लिए हमें वनों का संरक्षण और पेड़ों की सुरक्षा करनी होगी। वर्तमान जलवायु में, दुनिया के सामने सबसे गंभीर मुद्दों में से एक हरित आवरण का नुकसान है।
उन्होंने कहा कि पूरे भारत का वन विभाग फॉरेस्ट गार्ड से लेकर रेंजर तक, राष्ट्र लेवल पर अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ नाम से संगठन है। इसका कार्य क्षेत्र पूरे भारत में है और लगभग ढाई लाख इसके सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय वन दिवस प्रतिवर्ष राज्यवार 11 सितंबर को मानते हैं। यह शहीद दिवस उन साथियों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने अपने प्राण वन एवं वन प्राणी की रक्षा करते हुए न्योछावर किए हैं। इस प्रकार से यह वन शहीद दिवस पहली बार 2005 में भोपाल में मनाया गया था। जिस राज्य में इसका आयोजन होता है उस राज्य मंत्रियों को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है।