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अमृतकाल का पहला बजट

: हरियाणा बजट में कोई नया कर नही लगाया गया

2023=24 के लिए हरियाणा का 183950 करोड रुपए का बजट पेश किया गया
मैं बजट अनुमान वर्ष 2023-24 के लिए 1,09,122 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियों का प्रस्ताव करता हूं जिसमें 75,716 रुपये का कर राजस्व और 12,651 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व शामिल है। कर राजस्व प्राप्तियों में जीएसटी, वैट, आबकारी एवं स्टाम्प शुल्क राजस्व के प्रमुख स्रोत हैं। केंद्रीय करों का हिस्सा है 11,164 करोड़ रुपये और केंद्र से सहायता अनुदान 9,590 करोड़ है

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बजट स्पीच

इस सरकार का मेरा लगातार चौथा और अमृतकाल का पहला बजट पेश करना मेरे लिए गर्व की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और प्रगतिशील नेतृत्व में और हमारे सामूहिक प्रयासों से राज्य कोविड-19 महामारी के प्रभाव को न्यूनतम रखने में सफल रहा सरकार की विवेकपूर्ण नीतियों एवं वित्तीय उपायों के फलस्वरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पुनः गति आई राज्य के निवासियों, कोविड योद्धाओं और इस कठिन समय में हमारी मदद करने वाले सभी व्यक्तियों की सेवा भावना और योगदान को मेरा नमन अमृतकाल में प्रवेश करते हुए हम हरियाणा को विकास की नई बुलंदियों पर लेकर जाएंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकते हुए सितारे के रूप में उभरा, देष के विकास में हरियाणा भी निभा रहा है अग्रणी भूमिका

भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 3.86 फीसदी हरियाणा का योगदान, वर्ष 2022-23 में जीएसडीपी विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान

‘सबका साथ-सबका विकास’ का आदर्श हमारे इस विचार को दर्शाता है कि हरियाणा को हम प्रगति के पथ पर लेकर जाएंगे

वर्ष 2021-22 के बजट में मैने हरियाणा के विकास के लिए ‘वज्र मॉडल’ को स्पष्ट किया था, जिसमें विकास के पांच घटकों पर ध्यान केंद्रित किया गया

कौटिल्य अर्थशास्त्र की यह नीति हरियाणा के विकास के मेरे विजन का मूलमंत्र है और वर्ष 2023-24 के इस बजट का आधार

अलब्ध लाभार्था
लब्ध परिरक्षणी रक्षित विवर्धनी
वृद्धस्य तीर्थे प्रतिपादनी च।।

जो प्राप्त न हो उसे प्राप्त करना, जो प्राप्त हो गया उसे संरक्षित करना, जो संरक्षित हो गया उसे समानता के आधार पर बांटना

पहला बजट तैयार करते समय मैंने व्यापक परामर्श के माध्यम से सुझाव लेने की परंपरा शुरू की थी

इस वर्ष भी समाज के विभिन्न वर्गों के साथ परामर्श और विचार-विमर्श करने के लिए कई बैठकें आयोजित की गई

हमने हरियाणा के माननीय सांसदों, विधायकों और समाज के विभिन्न वर्गों के अन्य हितधारकों से प्राप्त बहुमूल्य सुझावों और फीडबैक को बजट में शामिल करने का प्रयास किया

राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर देश के सकल घरेलू उत्पाद से और प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय, देश की प्रति व्यक्ति आय से कहीं अधिक रही

वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक हरियाणा की जीएसडीपी की वार्षिक चक्रवृद्धि दर स्थिर मूल्यों पर 5.62 प्रतिशत रही, जबकि इसी अवधि में राष्ट्र की जीडीपी वृद्धि दर 4.58 प्रतिशत रही

राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद में हरियाणा की हिस्सेदारी वर्ष 2014-15 में 3.52 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 3.86 प्रतिशत हुई

राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2014-15 में वर्तमान मूल्यों पर 86,647 रुपये थी, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1,70,620 रुपये होने की संभावना, जबकि हरियाणा के लिए यह वर्ष 2014-15 में 1,47,382 रुपये से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 2,96,685 रुपये होने की संभावना

हरियाणा के जी.एस.डी.पी. की क्षेत्रवार संरचना के रुझान यह दर्शाते हैं कि वर्ष 2022-23 में जी.एस.डी.पी. में प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र का हिस्सा क्रमश 19.6 प्रतिशत, 29.7 प्रतिशत और 50.7 प्रतिशत रहने की संभावना

वर्ष 2023-24 के लिए 1,83,950 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव, जो कि संषोधित अनुमान वर्ष 2022-23 के 1,64,808 करोड़ रुपये पर
11.6 प्रतिशत की वृद्धि

बजट में पूंजीगत परिसम्पत्ति के सृजन के लिए 57,879 करोड़ रुपये के परिव्यय तथा राजस्व परिव्यय के लिए 1,26,071 करोड़ रुपये का प्रस्ताव

भारतीय रिजर्व बैंक ने हरियाणा को उन तीन राज्यों में से एक बताया जिनका पूंजीगत परिव्यय बजटीय लक्ष्यों की तुलना में अधिक था जबकि देश के सभी राज्यों का औसत लक्ष्य से 21.3 प्रतिशत कम था

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में कोई नया कर नहीं लगाने का प्रस्ताव

राजस्व के स्रोतों के बेहतर प्रबंधन और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से अतिरिक्त संसाधन जुटाने की उम्मीद

बजट अनुमान वर्ष 2023-24 के लिए 1,09,122 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियों का प्रस्ताव, जिसमें 75,716 रुपये का कर राजस्व और 12,651 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व शामिल

कर राजस्व प्राप्तियों में जीएसटी, वैट, आबकारी एवं स्टाम्प शुल्क राजस्व के प्रमुख स्रोत
केंद्रीय करों का हिस्सा 11,164 करोड़ रुपये और केंद्र से सहायता अनुदान 9,590 करोड़ रुपये, पूंजीगत प्राप्तियां 71,173 करोड़ रुपये अनुमानित

राज्य में लागू किए जा रहे एसडीजी की प्राप्ति के उद्देश्य से
1,83,950 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से 1,20,958 करोड़ रुपये का आवंटन किया, जो कि 65.8 प्रतिशत

हम हमेशा केंद्रीय वित्त आयोग और भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार राजकोषीय मानकों को बनाए रखने में सफल रहे संशोधित अनुमान (आरई) 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.29 प्रतिशत रहा जो कि जी.एस.डी.पी. के 3.5 प्रतिशत की अनुमत सीमा के अंतर्गत वर्ष 2023-24 के लिए जी.एस.डी.पी. के 2.96 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का प्रस्ताव*
सकल ऋण स्टॉक का संषोधित अनुमान 2022-23 में ऋण जी.एस.डी.पी अनुपात 25.78 प्रतिषत, जो कि निर्धारित सीमा 33.3 प्रतिषत की सीमा में
वर्ष 2023-24 में ऋण स्टॉक जी.एस.डी.पी का 25.45 प्रतिशत प्रक्षेपित, जोकि निर्धारित मानकों 33.1 प्रतिषत से बहुत नीचे

राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आगामी वित्त वर्ष में लगभग 7500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी निवेश करेंगे

वर्ष 2022-23 में लाभ में चल रहे सभी राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अपने लाभ का 25 प्रतिशत राज्य सरकार को हस्तांतरित करेंगे

हमने हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास की स्थापना की, जिसके तीन प्रमुख काम

क) उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले वर्ग सी और डी श्रेणियों के कर्मचारियों और सफाई कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री हरियाणा कर्मचारी दुर्घटना बीमा योजना

ख) छोटे कारोबारियों के लिए दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता के लिए मुख्यमंत्री व्यापारी सामूहिक निजी दुर्घटना बीमा योजना

ग) अंत्योदय परिवारों को सामाजिक सुरक्षा कवच देने के लिए मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना

स्ट्रीट वेंडर्स, छोटे कारोबारियों और व्यापारियों, जिनका वार्षिक कारोबार 1.50 करोड़ रुपये तक है, को प्राकृतिक आपदा या आग के कारण परिसम्पतियों के नुकसान के मामलों में मुआवजा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति बीमा योजना 1 अप्रैल, 2023 से शुरू हो जाएगी

पीपीपी में सत्यापित डेटा के आधार पर 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार के सदस्य की मृत्यु या दिव्यांग होने पर सहायता प्रदान करने के लिए ‘दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना‘ नामक एक नई योजना शुरू करने का प्रस्ताव

यह योजना मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता के समय व्यक्ति की आयु के आधार पर सहायता प्रदान करेगी

प्रस्तावित सहायता 6 वर्ष की आयु तक 1 लाख रुपये, 6 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक 2 लाख रुपये, 18 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष तक 3 लाख रुपये, 25 वर्ष से अधिक और 40 वर्ष तक 5 लाख रुपये और 40 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक 2 लाख रुपये होगी

इस लाभ में 18-40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत मिलने वाली 2 लाख रुपये की राशि भी शामिल होगी

सरकार ने सभी विभागों, पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों में आंतरिक लेखापरीक्षा करने के लिए ‘हरियाणा सार्वजनिक वित्त जवाबदेही अधिनियम, 2019‘ को अधिसूचित किया

सरकारी, स्थानीय निकायों और गैर-सरकारी संगठनों जो सरकार से वित्तीय मदद लेते हैं, में उचित प्रक्रिया का प्रयोग करने, सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा और संसाधनों के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए आंतरिक लेखापरीक्षा करने के लिए राज्य लेखापरीक्षा विभाग बनाने का प्रस्ताव

आंतरिक लेखापरीक्षा फेसलेस मोड में स्थापित पोर्टल के माध्यम से की जाएगी

हरियाणा का सीधे लाभ हस्तांतरणतरण (डीबीटी) पोर्टल सितंबर, 2017 में परिचलन में आया, डीबीटी पोर्टल पर 142 योजनाएं ऑनबोर्ड की गई, जिनमें से 58 केंद्र प्रायोजित योजनाएं हैं और 84 राज्य की योजनाएं

वर्ष 2022-23 में दिसंबर, 2022 तक लाभग्राहियों को 11,250 करोड़ रुपये का डीबीटी के माध्यम से अंतरण किया गया, इस स्कीम के शुरू होने के बाद 36.75 लाख फर्जी लाभार्थियों को हटाने से 1182 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत हुई

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