झज्जर| (सुमित कुमार) पिछले करीब दस दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों ने अपना तीज व रक्षाबंधन का त्योहार मनाने का फैसला किया है। हड़ताल के 11वें दिन भी आशा वर्करों ने यहां जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आशा वर्करों ने सरकार पर हठधर्मी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है उसकी वजह से अब चार हजार रूपए वेतन उनके लिए नाकाफी है। उनकी मांग 26 हजार वेतन किए जाने की है और उसे पूरा करा कर ही दम लेंगी। आशा वर्करों का कहना था कि सरकार उन पर निरन्तर दबाव बना रही है। (Jhajjar News)
ऑनलाईन का दबाव होने के साथ-साथ उन पर अन्य काम का भी दबाव है। जबकि वेतन केवल चार हजार है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनका वेतन बढ़ाने की बजाय कटौती करने में ही लगी हुई है। सरकार न तो उनके संगठन से वार्ता करने को तैयार है और न ही उनकी मांग पूरी करने को। जब उनके संगठन को वार्ता के लिए बुलाया जाता है तो अधिकारी संगठन के पदाधिकारियों पर दबाव बनाते है और उन्हें धमकाते है। जोकि न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि आज वह जिस कुर्सी पर बैठी है वह कर्मचारियों की ही देन है। यदि सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की तो आने वाले चार माह के अंदर सरकार को कुर्सी से खींचकर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। (Jhajjar News)