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45 दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठी आशा वर्करों ने पानीपत जिला सचिवालय में किया जेल भरो आंदोलन

45 दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठी आशा वर्करों ने पानीपत जिला सचिवालय में जेल भरो आंदोलन किया और इसी दौरान जिला सचिवालय के वीआईपी गेट पर जमकर हंगामा काटा और तहसीलदार और ड्यूटी मजिस्ट्रेट को सैकड़ो आशा वर्करों ने गिरफ्तारियां दी। सैकड़ो की संख्या में पहुंची आशा वर्करो को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस प्रशासन ने बसें मंगवाई लेकिन आशा वर्करों की संख्या ज्यादा होने की वजह से बसे कम पड़ गई बसों की मांग को लेकर आशा वर्कर वीआईपी गेट के रास्ते पर ही धरना देकर बैठ गई। इसी दौरान डीएसपी और तहसीलदार की गाड़ी आ पहुंची लेकिन आशा वर्करों ने रास्ता नहीं छोड़ा इसके बाद डीएसपी और तहसीलदार को वापस लौटना पड़ा। करीब एक घंटा इंतजार करने के बाद जब आशा वर्करों की गिरफ्तारी के बसे नहीं पहुंची तो ड्यूटी मजिस्ट्रेट को आनन-फानन में बुलवाया गया और आशा वर्करों की गिरफ्तारियां दिखाई गई साथ ही उन्हें ड्यूटी मजिस्ट्रेट द्वारा रिहा भी कर दिया गया। इस दौरान आशा वर्करों ने जमकर सरकार और जिला प्रशाशन के खिलाफ नारेबाजी की।

आशा वर्कर सविता ने बताया कि आशा वर्कर जब भी हड़ताल व धारणा देती थी पुलिस उन्हें पकड़ने पहुंच जाती थी, लेकिन आज आशा वर्कर खुद अपनी गिरफ्तारी देने पहुंची हैं लेकिन कोई पुलिसकर्मी ना उन्हें गिरफ्तार कर रहा है और न ही उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस प्रशासन बसे जुटा पा रहा है। सविता ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन यूं ही जारी रहेगा उनकी मांगे बिल्कुल जायज है। वह चार साढे चार हजार रुपए की नौकरी में अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रही हैं उनकी एक ही मांग है कि उन्हें पक्का किया जाए और 26000 पर वेतन दिया जाए आशा वर्करों ने इस आंदोलन में भारी संख्या में पहुंचकर अपनी ताकत दिखाई और इसे आशा वर्करों की जीत बताया।

वही आशा वर्कर पिंकी ने जानकारी देते हुए बताया की भारी संख्या में आशा वर्कर गिरफ्तारी देने पहुंची थी, लेकिन जिला प्रशासन गिरफ्तारी लेने में असफल रहा और इस दौरान आशा वर्कर का गुस्सा ट्रैफिक पुलिस पर भी फूटा उन्होंने कहा की सींक गांव से आशा वर्कर गाड़ी में बैठकर आ रही थी। इसी बीच ट्रैफिक पुलिस द्वारा उनकी गाड़ी का ₹30000 का चालान कर दिया गया और साथ ही महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसकी वह घोर निंदा करती हैं साथ ही आशा वर्करों ने यह मांग की है कि उनकी गाड़ी को छोड़ा जाए और जो ₹30000 का नाजायज चलान किया गया है उसे माफ किया जाए अगर ऐसा प्रशासन नहीं करता है तो वह आने वाले दिनों में सड़कों पर उतरने का काम करेगी।

वहीं गिरफ्तारी देने पहुंची सैकड़ो की संख्या में आशा वर्करों ने कहा की हरियाणा की मनोहर सरकार और देश की मोदी सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने का सिर्फ ढोंग करती है वह बेटियों के लिए कोई काम नहीं करती है उन्होंने कहा कि 45 दिनों से आशा वर्कर धरने पर बैठी है लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही हैं वहीं उन्होंने बताया कि प्रदेश हो या देश में लगातार बहनों के साथ उत्पीड़न हो रहा है लेकिन सरकार मौन है और कोई कार्रवाई करने का नाम नहीं ले रही है।

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