अवैध खनन को लेकर आज यमुनानगर स्टोन क्रेशर के एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़े खुलासे किए है।जिले में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ अब स्टोन क्रशर संचालकों ने भी मोर्चा खोल दिया है। जिला क्रशर प्लांट एसोसिएशन के प्रधान रामपाल कांबोज ने सत्तापक्ष पर अवैध खनन को संरक्षण देने के आरोप लगाए हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि इसमे पूर्व विधायक और कई बड़े लोग शामिल है।आरोप है कि वह कई बार आवाज उठा चुके हैं। कोर्ट तक का रास्ता अपना चुके हैं। बावजूद इसके अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह हुई हरियाणा के सीएम को अवैध खनन पर कार्रवाई करनी चाहिए।
अवैध खनन के खिलाफ कोई आवाज उठाता है तो उसको धमकाया जाता है। आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के खनन माफिया के लोग यहां पर अवैध खनन कर रहे हैं। सत्ता पक्ष का उन्हें समर्थन है। जिस वजह से कार्रवाई भी नहीं हो रही है। प्रदेश सरकार भी ऐसे लोगों पर मेहरबानी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने घाटों की आक्शन की है। नियमानुसार यही से खनन हो सकता है। इसके बावजूद एमडीएल (मिनरल डीलर लाइसेंस) के नाम पर अवैध खनन किया जा रहा है। एमडीएल में स्टाक नहीं होता। इसके बावजूद फर्जी ई रवाना जारी किए जा रहे हैं। रेत में बोल्डर मिलाकर स्क्रीनिंग प्लांटों पर बेचा जा रहा है। जब जांच होती है तो इसमें क्रशर प्लांट संचालक फंस जाते हैं। उन पर भारी भरकम जुर्माना लगता है।जबकि ये सब जो ठेकेदार ऐसा काम कर रहेह उनसे वसूला जाए।रामपाल कांबोज ने कहा कि डेढ़ वर्ष से जिले में बोल्डर के घाट बंद हैं। किसी भी एमडीएल पर स्टाक नहीं है। इसके बावजूद ठेकेदार रेत में बोल्डर मिलाकर क्रशर प्लांटों पर सप्लाई करते हैं। जब ई रवाना की जांच होती है तो उसमें अलग-अलग जगहों से खरीद दिखाई जाती है। जिसका जुर्माना प्लांट संचालक पर लगता है। ठेकेदार आसानी से बच निकलते हैं। उन्होंने कई फर्माें पर आरोप लगाए कि सत्ता पक्ष के प्रभाव में यह फर्में चल रही हैं। इन फर्माें के पास कोई स्टाक नहीं है। इसके बावजूद कई-कई लाख टन की बिक्री दिखाई गई है। यह मामला एनजीटी में लेकर गए। जहां से इन फर्माें पर स्टे भी लगा है। विभागीय अधिकारी भी इसमें मिले हुए हैं। इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए, क्योंकि अवैध खनन का कई हजार करोड़ का घपला है।वही उन्होंने कहा कि जो दो दिन पहले अवैध खनन को लेकर लोक लेखा समिति आई थी उनकी कारवाई से भी वो सन्तुष्ट नही है क्योंकि उस टीम ने केवल दो ही पॉइंट्स का दौरा किया।जबकि माइनिंग के 32 पॉइंट्स है सब जगह टीम को जाना चाहिए था।उन्होंने इस पूरे मामले में चंडीगढ़ में बैठे एक व्यक्ति पर लगाए पूरे माइनिंग जोन को हाईजेक करने और ठेकेदार पर सरकारी संरक्षण में काम करने और सरकारी नाकों पर कब्जा करने के आरोप लगाए है।साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ भी नही है।अगर इस मामले की जांच होगी तो बहुत बड़ा घोटाला उजागर होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह अवैध खनन पर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस तरीके के सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो सके।