मांगों की अनदेखी से खफा हरियाणा रोडवेज कर्मचारी फिर बसों का चक्का जाम करने की तैयारी में हैं।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी साझा मोर्चा के बैनर तले कर्मचारियों ने दो घंटे तक प्रदर्शन करते हुए ऐलान किया कि 29 मार्च को सभी रोडवेज कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग लेकर बसों का चक्का जाम करेंगे।
साझा मोर्चा की बैठक के बाद राज्य प्रवक्ता मजीद चौहान ने बताया कि बैठक में परिवहन महकमे का निजीकरण करने और पुरानी पेंशन लागू न करने का मुद्दा जोर-शोर से उठा।
बसों की ये योजना है गलत – बेरला
बैठक में शामिल डिपो प्रधान राजेश कुमार बेरला, सत्यवान सिंह ढुल और त्रिलोचन सिंह ने कहा कि रोडवेज में ए, बी और सी श्रेणी के नाम पर अंतरराज्यीय रूटों पर 20 प्रतिशत, अंतरजिला रूटों पर 50 प्रतिशत और लोकल रूटों पर प्राइवेट बसें चलाने की योजना गलत है।
उन्होंने कहा कि किलोमीटर स्कीम व 2016-17 की स्टेट कैरिज परमिट पालिसी एक तरह से विभाग के निजीकरण की तरफ बढ़ाया गया कदम है। तीनों योजनाओं को रद किया जाए।
बैठक के दौरान रोडवेज में 10 हजार सरकारी बसें शामिल करने, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, परिचालक व लिपिक का वेतनमान 35 हजार 400 रुपये करने, वर्ष 1992 से 2003 के बीच लगे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, कर्मचारियों को 5000 रुपये मासिक जोखिम भत्ता देने, कर्मशाला कर्मचारियों को तकनीकी स्केल देने व कम किए अवकाश पहले की तरह लागू करने की मांग उठाई गईं।
साथ ही चेतावनी दी कि मांगें लागू होने तक निर्णायक आंदोलन जारी रहेगा।वहीं, गत दिवस सिरसा में प्रदर्शन करते हुए रोडवेज कर्मचारियों ने कहा कि सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है।
सरकार व अफसरों की हठधर्मिता के कारण उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है। कहा कि रोडवेज सहित राज्य के तमाम कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्षरत हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
सांझा मोर्चा के नेता दीपक बल्हारा ने कहा कि कर्मचारी विभागीय मांगों व पुरानी पेंशन बहाली को लेकर 13 मार्च को मुख्यमंत्री के करनाल स्थित कैंप आफिस का घेराव भी करेंगे।