बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बड़ा हादसा हुआ है। बेंगलुरु में भारी बारिश के बीच एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई। इस घटना में मरने वालों की संख्या बुधवार सुबह बढ़कर पांच हो गई। क्योंकि मलबे को हटाने और फंसे हुए लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं। अधिकारियों ने बताया कि पांच लोग घायल हुए हैं और अब तक 13 लोगों को बचाया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, डॉग स्क्वॉड भी बचाव अभियान में शामिल हो गया है। यह घटना मंगलवार दोपहर को बेंगलुरु के पूर्वी हिस्से में होरामावु अगरा इलाके में हुई। अधिकारियों के अनुसार, ढहने के समय इमारत के अंदर लगभग 20 लोग थे।
पुलिस उपायुक्त (पूर्वी बेंगलुरु) डी देवराज ने बताया कि इमारत में कम से कम 20 लोग फंसे हुए थे। वहां से अब तक 5 शव बरामद किए गए हैं। 5 लोग घायल हैं, जिनमें से 4 को नॉर्थ हॉस्पिटल और एक को होसमत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि इमारत सात मंजिला थी। राहत और बचाव काम तेजी से चल रहा है।
उधर, बेंगलुरु में मंगलवार को वर्षाजनित अलग-अलग घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई जहां पिछले तीन दिन से लगातार बारिश के कारण कई आवासीय क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है और सड़कों पर जलभराव हो गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि भारी बारिश के बाद एक इमारत ढहने से तीन मजदूरों की मौत हो गई, जबकि केंगेरी झील में दो बच्चे डूब गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इमारत ढहने वाली जगह से चौदह लोगों को बचा लिया गया जबकि तीन लोग अब भी लापता हैं। अधिकारियों ने बुधवार को स्कूल में अवकाश घोषित कर दिया।
एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल की पांच टीम को मंगलवार को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया, जिसमें सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक येलाहांका भी शामिल है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के अनुसार मंगलवार आधी रात से मंगलवार सुबह छह बजे तक सिर्फ छह घंटों में येलाहांका में 157 मिलीमीटर (छह इंच) बारिश हुई। बारिश से तबाह बेंगलुरु में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। वहीं सड़कों पर गड्ढों से जुड़ी घटनाओं की खबरें भी सामने आई हैं, जिससे लोगों में आक्रोश है। विपक्षी दलों ने भी इस स्थिति के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमला बोला है।
विपक्षी जद (एस) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि आह, बेंगलुरू का एक और दिन… कांग्रेस सरकार की गलतियों के कारण बारिश ने बेंगलुरू के विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे को मिनी वेनिस में बदल दिया! सिद्धरमैया और शिवकुमार को उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए बधाई-बेंगलुरु वास्तव में भविष्य की ओर बढ़ रहा है। शायद अगले कार्यकाल में हम सड़कों के बजाय नावों में निवेश कर सकते हैं?