भारतीय जनता पार्टी अपने खोखले राष्ट्रवाद की आड़ में देश को खोखला करने का घिनौना खेल खेल रही है। भाजपा सरकार में सुरक्षा तंत्र इतना कमजोर हो चुका है एक आतंकवादी देश के गृहमंत्री के साथ फोटो खिंचवाता है और देश की सुरक्षा ऐजेंसियां उसे पहचान भी नहीं पाती। ये कहना है मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी का। चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में कई ऐसे उदहारण देश के सामने आए हैं जिससे साफ हो जाता है कि देश सुरक्षित हाथों में नहीं है।
पटवारी ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में पिछले में घटी दो घटनाओं ने भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे को बेनकाब कर दिया है। पहले उदयपुर हत्याकांड में शामिल एक आरोपी भाजपा का कार्यकर्ता निकला। उसके बाद जम्मू-कश्मीर में पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों में से एक तालिब हुसैन शाह भाजपा का पदाधिकारी निकला। उसकी देश के गृह मंत्री के साथ तस्वीर भी सामने आई है। पटवारी ने कहा कि देश के सामने आज यह गंभीर सवाल खड़ा हो गया है कि राष्ट्रवाद की बात करने वाले चेहरों को किस तरीके से पहचाना जाए। यह कोई पहला या दूसरा मौका नहीं है जब भाजपा के नेता या कार्यकर्ता आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उदयपुर में कन्हैयालाल जी की हत्या में शामिल एक आरोपी मोहम्मद रियाज अंसारी बीजेपी का कार्यकर्ता निकला और उसके बाद जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी बीजेपी का पदाधिकारी पाया गया। यह देश की सत्ता पर काबिज पार्टी पर गंभीर सवाल खड़े करने वाली घटनाएं हैं। ये दोनों बीजेपी के कोई आम कार्यकर्ता नहीं थे बल्कि इनकी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ तस्वीरें पार्टी में इनके प्रभाव के बारे में बताती हैं। तालिब हुसैन शाह की तो देश के गृह मंत्री अमित शाह के साथ तस्वीर हैं। ये जब पकड़ा गया तो उस वक्त पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए जा रहे श्रद्धालुओं पर हमले की योजना बना रहा था। ऐसे में देश की सुरक्षा के प्रति मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का चिंतित होना लाजमी है।
जीतू पटवारी ने उदाहरण देते हुए कई घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि साल 2020 में जम्मू कश्मीर में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। आतंकियों को हथियार मुहैया करवाने के आरोप में भाजपा के पूर्व नेता और सरपंच तारीक अहमद मीर को गिरफ्तार किया गया था। मीर पर हिजबुल कमांडर नवेद बाबू को हथियार देने का आरोप था, जो आतंकियों की मदद करने वाले डीएसपी देविंद्र सिंह के साथ गिरफ्तार हुआ था। एनआईए ने साफ तौर पर कहा था कि तारीक अहमद मीर दविंद्र सिंह का सहयोगी है।
साल 2017 में मध्यप्रदेश में एटीएस की टीम ने अवैध टेलिफोन एक्सचेंज चलाते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से बीजेपी आईटी सेल का सदस्य भी एक था। उसका नाम ध्रूव सक्सेना था। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उसकी तस्वीरें सबके सामने आई हैं। इतना ही नहीं जम्मू के आरएसपुरा में पुलिस ने 2016 में आईएसआई के 2 एजेंटों को गिरफ्तार किया था। उन दोनों से गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला कि उन्हें इस काम के लिए सतना निवासी बलराम नाम का एक शख्स पैसे देता था। सतना से बलराम को गिरफ्तार किया गया तो खुलासा हुआ कि बलराम बजरंग दल का कार्यकर्ता था।
2017 में असम के भाजपा नेता निरंजन होजाई को एनआईए की विशेष अदालत ने आतंकियों को आर्थिक मदद देने के दोष में उम्र कैद की सजा सुनाई। ये भाजपा नेता आतंकियों को फंडिंग कर रहा था। उस फंडिंग से आतंकवादी हथियार खरीद कर हमारे देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे थे। इतना ही नहीं बीजेपी ने अपराध सिद्ध आतंकवादी मोहम्मद फारुख खान को चुनाव में टिकट तक दिया। श्रीनगर के वार्ड नंबर 33 से उसे अपना उम्मीदवार बनाया। यह मोहम्मद फारुख खान मसूद अजहर का शागिर्द था।
जीतू पटवारी ने याद दिलाया कि ये वही मसूद अजहर है जिसको भाजपा सरकार ने दिसंबर 1999 में छोड़ दिया था। इसके बाद मसूद अजहर ने संसद पर हमला, मुंबई हमला, पठानकोट एयरबेस पर हमला और पुलवामा हमला जैसी आतंकी वारदात को अंजाम दिया। जिस पुलवामा में परिंदा भी पर नहीं मार सकता था, वहां पर 300 किलो आरडीएक्स कैसे पहुंचा, आज तक देश को इस सवाल का जवाब नहीं मिला है। इसी सवाल के जवाब से खुलासा होगा कि हमारे 40 जवानों की शहादत के लिए कौन जिम्मेदार है।
पटवारी ने कहा कि एक के बाद एक ऐसे खुलासों के बाद देश को सचेत होने की जरूरत है ताकि भाजपा के दोहरे चरित्र को समझा जा सके। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि सीधे देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मसला है। आज देश का हर जिम्मेदार नागरिक सवाल पूछ रहा है कि बीजेपी का आतंकियों से नाता है, यह रिश्ता क्या कहलाता है? आज देश का जिम्मेदार नागरिक इस बात को समझ रहा है कि नकली राष्ट्र भक्तों का विरोध ही असली राष्ट्रभक्ति है।