शिमला
भाजपा कसुम्पटी मंडल द्वारा आज एक कटिकराम आयोजित किया गया जिसमे 1975 में कांग्रेस द्वारा देश को आपात्काल में झोंकने और लोकतंत्र प्रहरियों के योगदान पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर , मुख्य वक्त के रूप में पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज मौजूद रहे ।
भारद्वाज ने कहा कि आपातकाल आज़ादी के बाद के इतिहास का सबसे काला अध्याय है। उन्होंने कहा की उन्हें इस बात का संतोष है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी की उस लड़ाई में हिस्सा लिया। भारद्वाज ने कहा की उन जैसे असंख्य लोग लोकतंत्र के प्रहरी बन कर २१ महीनों की तपस्या और त्याग के बाद लोकतंत्र बहाली में सफल हुए थे। तानाशाही मानसिकता का अंत हुआ था।

लेकिन हाल ही में प्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस के मंत्रियों ने आपातकाल का विरोध करने वालो का अपमान किया, वह कांग्रेस नेतृत्व को खुश करने का एक तुच्छ प्रयास था।
भारद्वाज ने कहा की कांग्रेस की परिवार प्रमुख, सत्ता के लालच का नतीजा आपातकाल था और यह सोच आज भी जीवित है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में कांग्रेस के लोग आपातकाल को सही बताने से भी नहीं चुके। ये उसी सोच का परिणाम था।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए भारद्वाज ने कहा कि सदन में मंत्री द्वारा यह कहना की देश में गृह युद्ध जैसे हालत को रोकने के लिए आपातकाल लगाया, एक सफ़ेद झूठ है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का चुनाव जब रद्द हुआ उस समय सत्ता बचाने का एक ही रास्ता था वो था आपातकाल। देश को एक जेल में बदल दिया, आम लोगों ने प्रताड़नाएं सहीं, न कोई दलील न अपील सीधा जेल ऐसी परिस्थिति का समर्थन करने वाले निश्चित रूप से लोकतंत्र के शत्रु हैं।
कांग्रेस को आड़े हाथो लेते हुए भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस यदि आपातकाल का समर्थन करती है तो खुले तौर पर स्वीकार करे और लोकतंत्र की झूठी दुहाई देना बंद करे।